नवाचार : भले ही आपने नई गाड़ी खरीदी हो लेकिन आपको मिल जाएंगे आपकी पुराने गाड़ी के पसंदीदा लकी नंबर
परिवहन विभाग का नया फैसला
विभाग नहीं करेगा अब खास नंबरों की नीलामी
कुछ राशि जमा कराने पर पुराने नंबर ही मिल जाएंगे नई गाड़ी पर
हरमुद्दा
भोपाल, 10 अक्टूबर। भले ही आपने नई गाड़ी खरीद ली हो लेकिन आपकी पुरानी गाड़ी के पुराने पसंदीदा लकी नंबर नई गाड़ी पर भी उपलब्ध हो जाएंगे। बस इसके लिए कुछ राशि परिवहन विभाग को देना होगी। पहली परिवहन विभाग में नया फैसला लेते हुए कहा है कि अब पसंदीदा खास चाहत नंबर की नीलामी नहीं की जाएगी।
परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा है कि आमजन को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं देने के उद्देश्य से ड्राइविंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया को सरल किया गया है। वहीं तय शुल्क देकर कोई भी अपने पुराने वाहन का नंबर नए वाहन में उपयोग कर सकेगा।
नीलामी में शामिल होकर लगानी पड़ती थी ऊंची बोली
परिवहन विभाग ने नया नियम लागू करते हुए कहा है कि अपनी पुरानी गाड़ी के नंबर यदि आप नई गाड़ी में चाहते हैं, 15 हजार रुपये खर्च करना होंगे। आपको वही नंबर मिल जाएगा। परिवहन विभाग ने यह व्यवस्था लागू कर दी है। अब कोई भी चार पहिया वाहन मालिक पुराने वाहन का नंबर नए वाहन में लगा सकता है। पुराने नंबर की चाहत रखने वालों को पहले वीआइपी नंबर की नीलामी में शामिल होकर ऊंची बोली लगाना पड़ती थी। कई बार तो चाहत वाले नंबर के लिए जितनी कीमत की गाड़ी होती थी उससे ज्यादा नंबर के लिए रुपए चुका देते थे।
कंडम गाड़ी का स्क्रैप कर नंबर भी कर दिया जाता था ब्लॉक
मध्य प्रदेश की परिवहन नीति के तहत अभी तक कंडम या अनुपयोगी वाहन के स्क्रेप के साथ ही उसका नंबर भी ब्लाक कर दिया जाता था। इस व्यवस्था में वीआइपी नंबर की चाहत रखने वाले वाहन मालिक को नया नंबर लेना पड़ता था। ऐसे लोगों को नई व्यवस्था का लाभ मिलेगा। उल्लेखनीय है कि मई 2014 के बाद वीआईपी नंबर के लिए आनलाइन नीलामी प्रक्रिया शुरू हुई। इसमें मूल वाहन मालिक को विशिष्ट नंबरों के लिए ऊंची बोली लगाना पड़ती थी। नई व्यवस्था में वे खुद ही नहीं, उनके परिजन भी उसी श्रेणी का वाहन खरीदने पर पुराने वाहन के नंबर का उपयोग कर सकेंगे।
लाइसेंस के लिए अब आनलाइन चिकित्सा प्रमाण पत्र
अब लर्निंग लाइसेंस, नए ड्राइविंग लाइसेंस, नवीनीकरण और ड्राइविंग लाइसेंस की अन्य श्रेणियों में चिकित्सा प्रमाण पत्र आनलाइन लिए जाएंगे। पंजीकृत डाक्टर पोर्टल पर तय फार्म में चिकित्सा प्रमाण पत्र जारी कर सकेंगे, जो मान्य होगा। एक अप्रैल 2021 के पहले चिकित्सा प्रमाण पत्र मैनुअल लेने का प्रविधान था। हालांकि इसके लिए डाक्टरों को एनआइसी के सारथी पोर्टल पर पंजीयन कराना होगा।