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आग जरूर बुझाता है गन्दा पानी: तप केसरी श्री राजेशमुनिजी

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हरमुद्दा
रतलाम, 29 अप्रैल। हर व्यक्ति के पास दो तरह के रास्ते है। एक यह कि उठे और अपने सपने पूरे करें और दूसरा यह कि सोता रहे और सपने देखता रहे। दुनिया में कोई भी चीज व्यर्थ नहीं होती। गंदा पानी पीने के काम में भले नहीं आए, लेकिन आग बुझाने के काम में आ सकता है। किसी भी कार्य में यदि श्रद्धा, आस्था, विश्वास और समर्पण होता है, वहां समझ लेना चाहिए कि 90 प्रतिशत कार्य हम कर चुके है।
यह बात अभिग्रह धारी, तप केसरी श्री राजेशमुनिजी म.सा. ने कही। वे नोलाईपुरा स्थित श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल स्थानक में धर्मसभा को संबोधित कर रहे थे।
तो रास्ते की परवाह मत करो
उन्होंने कहा कि उहापोह की स्थिति में रहने वाला कभी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता है। यदि रास्ता अच्छा हो, तो पहले मंजिल का पता कर लेना चाहिए और मंजिल अच्छी हो, तो रास्ते की परवाह नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अंध विश्वास हमारे जीवन को दीमक की तरह खा जाते है। गरीब से गरीब व्यक्ति और अमीर से अमीर व्यक्ति मेहनत में विश्वास रखता है, लेकिन मध्यम वर्ग का व्यक्ति आडम्बरों और अंध विश्वास रचा-बसा रहता है। देश में 5 लाख से अधिक ज्योतिषी और 5-10 करोड़ लोगों को देवी-देवता आते होंगे, लेकिन किसी ने नहीं कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 नवंबर को हजार-पांच सौ के नोट बंद करने वाले है।
कमाई से कम करें खर्चा
तपकेसरीजी ने कहा कि स्वकल्याण में स्वार्थ की भावना आ सकती है, जबकि परकल्याण में अहंकार का भाव आ सकता है। इन सबसे उंचा भाव मेरे द्वारा किसी का नुकसान नहीं हो का होता है। सुख का एक ही मार्ग है,कि अपनी कमाई से खर्चा कम होना चाहिए। अपेक्षाएं आर्थिक स्थिति से अनुरूप होगी, तो जीवन में कभी मुश्किलें नहीं आएगी। दुर्गुती में जाने से जो बचाए, उसे धर्म और जिसके दुष्परिणाम नहीं आए उसे धेर्य कहा जाता है। इसलिए अंध विश्वास में पडऩे के बजाए धेर्यपूर्वक अपनी मंजिल को पाने का प्रयास करें।
संयम के मार्ग पर चल सकता पुण्यवान
सेवाभावी श्री राजेंद्र मुनिजी म.सा.ने कहा कि संसार पर्वत के समान होता है। पर्वत जिस प्रकार दूर से अच्छा लगता है, मगर पास जाने पर उबड़-खाबड़ दिखाई देता है। उसी प्रकार संसार भी हमे अच्छा लगता है, लेकिन इसके रास्ते उबड़-खाबड़ है। संसार को छोड़ संयम के मार्ग पर वहीं व्यक्ति चल सकता है, जिसके पुण्य प्रबल होते है। इस मौके पर कई धर्मावलंबियों ने तप-त्याग के प्रत्याख्यान लिए। संचालन सौरभ मूणत ने किया।
बुधवार से शुरू होगा अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव
श्री धर्मदास जैन श्री संघ स्थानक में विराजित मालव केसरी श्री सौभाग्यमलजी म.सा.एवं आचार्य प्रवर श्री उमेशमुनिजी म.सा. के कृपापात्र, घोर तपस्वी श्री कानमुनिजी म.सा. के सुशिष्य, अभिग्रह धारी,तप केसरी श्री राजेश मुनिजी एवं सेवाभावी श्री राजेंद्रमुनिजी की निश्रा में 1 मई सेे अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव मनेगा।
महोत्सव में ज्ञान शिविर
महोत्सव के तहत 1 से 5 मई तक ज्ञान शिविर आयोजित होंगे। सुबह 7.30 से 9 बजे तक बच्चों, दोपहर 2.30 से 4 बजे तक महिलाओं एवं रात 9 से 10 बजे तक पुरूषों का शिविर होगा। प्रतिदिन सुबह 8 से 9 बजे नवकार मंत्र का जाप एवं 9 बजे से प्रवचन होंगे। 6 मई को चौबीसी एवं 7 मई को पारणा महोत्सव होगा। श्री धर्मदास जैन मित्र मंडल ट्रस्ट बोर्ड, श्री सौभाग्य जैन नवयुवक मंडल एवं नवकार ग्रुप ने सभी आयोजनों को सफल बनाने का आह्वान किया है।

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