एक प्रयास अपनत्व का : बच्चे की है चाहत, तो ना हो आहत, ऑनलाइन आवेदन से कीजिए बच्चा लेने का जतन
बहुत आसान हो गई बच्चा गोद लेने की प्रक्रिया
हरमुद्दा
रतलाम, 11 जनवरी। ऐसे दंपत्ति जिनको संतान का सुख नहीं है और ममत्व लुटाने की चाहत है तो वह आहत ना हो। ऑनलाइन आवेदन से बच्चा लेने का जतन कीजिए। बच्चा गोद लेने के लिए संपूर्ण जानकारी ऑनलाइन वेबसाइट www.cara.nic.in पर उपलब्ध है। “कारा” महिला एवं बाल विकास मंत्रालय की एक शाखा है।
महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी रजनीश सिन्हा ने गोद लेने की प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पेरेंट्स को सबसे पहले वेबसाइट carings.nic.in पर गोद लेने के इच्छुक आवेदक के तौर पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके अलावा भावी माता-पिता को कारा द्वारा प्रमाणित नजदीकी स्पेशलाइज्ड एडॉप्शन एजेंसी का चयन एचएसआर हेतु कराना होगा। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म सफलतापूर्वक जमा करने के लिए कई दस्तावेज जैसे उनकी आर्थिक स्थिति, बीमारी, शादी का स्टेटस, एड्रेस प्रूफ, आयु के प्रमाण पत्र आदि वेबसाइट पर अपलोड करने होंगे। सभी दस्तावेज अपलोड कर दिए जाने के बाद आवेदन विचार के लिए तैयार होता है।
दंपत्ति की होती है काउंसलिंग
इसके पश्चात गोद लेने के इच्छुक व्यक्ति या दंपत्ति की काउंसलिंग और इंटरव्यू एचएसआर तैयार करने हेतु लिया जाता है। एक सामाजिक कार्यकर्ता के द्वारा दत्तक माता-पिता के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा की जाती है। यह जानकारी जरूरी दस्तावेज जमा करने के 30 दिन के भीतर इकट्ठा कर ली जाती है। एक बार पूरी हो जाने के बाद यह 3 साल की अवधि के लिए वेध होती है। यदि इस समय तक सब कुछ नियम के मुताबिक सही पाया जाता है तो फिर प्रतीक्षाकाल शुरू होता है।
वरिष्ठता क्रम में मिलता है बच्चा
वरिष्ठता क्रम अनुसार ऑनलाइन पोर्टल पर ही उपयुक्त बच्चा भावी माता-पिता को रेफर किया जाता है। यदि दंपत्ति बच्चे को गोद लेने के लिए सहमति देते हैं तो उनको कुछ दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के बाद बच्चे को माता-पिता को सौंप दिया जाता है। इसके बाद एजेंसी का वकील दत्तक माता-पिता की ओर से कुटुंब न्यायालय अथवा न्यायालय में याचिका दाखिल करता है जिसके तहत बच्चा गोद लेने की मंजूरी मिल जाती है। दत्तक माता-पिता रजिस्टर ऑफिस में गोद लेने के प्रमाण पत्र को रजिस्टर करवाते हैं और जन्म प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करते हैं।
भारत में बच्चे को गोद लेने के नियम
आप पूरे भारत के किसी भी हिस्से में बच्चा गोद ले सकते हैं लेकिन दत्तक माता-पिता के बारे में इंक्वायरी उसी राज्य की एजेंसी करती है जहां आप रह रहे हैं। दत्तक माता-पिता और गोद लिए जाने वाले बच्चे के बीच कम से कम 25 वर्ष का अंतर होना चाहिए। भावी माता-पिता की अधिकतम संयुक्त आयु अनुरूप निर्धारित उम्र का बच्चा ही गोद लिया जा सकता है। गोद लेने से पहले शादीशुदा जोड़े के लिए जरूरी है कि उनकी शादी के कम से कम 2 साल हो चुके हो, मतलब उन्होंने स्थाई वैवाहिक संबंधों के कम से कम 2 साल पूरे कर लिए हो। एक अकेली महिला लड़का या लड़की ले सकती है लेकिन अकेला पुरुष किसी लड़की को गोद नहीं ले सकता है। गोद लेने वाले माता-पिता किसी भी धर्म, जाति के अनिवासी भारतीय और यहां तक कि भारत के बाहर रहने वाले गैरभारतीय भी हो सकते हैं। वे सभी जुवेनाइल जस्टिस एक्ट केयर एंड प्रोटक्शन आफ चिल्ड्रन 2015 तथा दत्तक ग्रहण नियम 2017 के तहत एक बच्चे को अपनाने के पात्र हैं। दिव्यांग भी अपनी अक्षमता की प्रकृति और सीमा के आधार पर बच्चा गोद लेने के पात्र हैं। जिन लोगों के पहले से ही 3 या इससे अधिक बच्चे हैं वे लोग गोद लेने के लिए योग्य नहीं हैं। हालांकि विशेष स्थिति में वह भी बच्चा गोद ले सकते हैं।
गोद लेने के लिए जरूरी दस्तावेज
दत्तक पेरेंट्स का पहचान का प्रमाण आधार कार्ड, मतदाता कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, माता-पिता के जन्म प्रमाण पत्र, आय का प्रमाण, माता-पिता की फिटनेस का प्रमाण पत्र, निवास का प्रमाण, पारिवारिक फोटोग्राफ, शादी का प्रमाण पत्र, अगर गोद लेने वाला सिंगल पैरंट है तो कोई दुर्घटना हो जाने की स्थिति में बच्चे की देखभाल करने के लिए एक रिश्तेदार की सहमति तथा ऐसे दो व्यक्तियों के सिफारिश पत्र जो परिवार को अच्छी तरह से जानते हैं वे करीबी रिश्तेदार नहीं होना चाहिए।