सेहत सरोकार : शहर में बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए सक्रिय प्रयास शुरू
रतलाम में होगी मार्च में कार्यशाला
हरमुद्दा
रतलाम, 22 फरवरी। मेडिकल कॉलेज इंदौर एवं मेडिकल कॉलेज रतलाम के संयुक्त प्रयास से थैलेसीमिया पेशेंट के लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट कार्यशाला रतलाम में जिला रोगी कल्याण समिति के सहयोग से मार्च में आयोजित करने का प्रयास किया जा रहा है।
संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि मेडिकल कॉलेज इंदौर के डीन डॉ. संजय दीक्षित के मार्गदर्शन में अस्पताल अधीक्षक डॉ. पीएस ठाकुर, एचओडी प्रोफेसर डॉ. प्रीति मालपानी, डॉ. प्राची चौधरी, डॉ. अमृता चौधरी द्वारा एमवाय अस्पताल में भर्ती प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए थैलेसीमिया रोगियों जिनके के बोन मैरो ट्रांसप्लांट होकर वार्ड में भर्ती हैं, उनसे मुझे मिलवाया एवं कार्यशाला से पूर्व संबंधित जानकारी से अवगत कराया।
42 बच्चों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट
एचओडी डॉ. प्रीति मालपानी ने बताया कि सन 2018 से इंदौर एमवाई में बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया जा रहा है। अब तक 42 बच्चों का बोन मैरो ट्रांसप्लांट किया है। जिसमें 85% सफलता प्राप्त की है। बोन मैरो ट्रांसप्लांट के पहले मरीज एवं बोन मैरो देने वाले के लिए आवश्यक टेस्ट किए जाते हैं।
बाहर शहर में जाने में होती है बहुत कठिनाई उनको
जिला रोगी कल्याण समिति सदस्य श्री काकानी ने बताया कि इस कार्य के लिए अब तक रोगियों को रतलाम से बड़े शहर की ओर जाना पड़ता था। जिसमें रोगी थैलेसीमिया बच्चे एवं परिवार जन को बहुत अधिक कठिनाई होती है। बढ़ते हुए थैलेसीमिया बच्चों के भविष्य को ध्यान रख रतलाम में भी थैलेसीमिया रोगियों के बोन मैरो ट्रांसप्लांट के लिए आवश्यक टेस्ट के लिए कार्यशाला आयोजित की जाना है।
मार्च में संभावना कार्यशाला की
रतलाम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता, एचओडी डॉ. देवेंद्र नरगावे के प्रयासों से यूएसए के प्रसिद्ध डॉक्टर प्रकाश सतवानी द्वारा दी गई तारीख पर मार्च महीने में आयोजित किया जाने का प्रयास चल रहा है।
7 जिलों के 140 बच्चे हैं थैलेसीमिया से प्रभावित
संभागीय ऑर्गन डोनेशन समिति सदस्य काकानी ने डॉ. मालपानी को ने बताया कि रतलाम जिले सहित आसपास के 7 जिलों के लगभग 140 बच्चे थैलेसीमिया जैसी गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर रतलाम में रक्त चड़ावा रहे हैं। उनके उज्जवल भविष्य के लिए रतलाम में पहली बार इस प्रकार का कैंप आयोजित करना बहुत ही कठिन काम है। जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन के सहयोग से यह पुनीत कार्य के प्रयास ने गति पकड़ ली है।