श्रीलंका में अर्थव्यवस्था से हालात बेकाबू, राष्ट्रपति ने किया आपातकाल घोषित, अनिश्चित काल के लिए परीक्षाएं स्थगित

 राष्ट्रपति भवन के सामने सरकार के विरोध में लोग कर रहे हिंसक प्रदर्शन

 पेट्रोल डीजल की कमी के चलते कारोबार ठप

 पंप पर सेना तैनात,

हरमुद्दा
शनिवार 2 अप्रैल। श्रीलंका में अर्थव्यवस्था और में  महंगाई से हालात बेकाबू हो गए हैं। पेट्रोल डीजल की कमी के चलते कारोबार ठप हैं। राष्ट्रपति गोतबया राजपक्षे ने देर रात देश में आपातकाल लगाने की घोषणा कर दी है सरकार के विरोध में लोग हिंसक प्रदर्शन पर उतारू हो गए हैं। परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। रोजमर्रा का सामान भी महंगा हो गया है।

श्रीलंका में राष्ट्रपति भवन के बाहर हजारों प्रदर्शनकारी जमा हो गए हैं और राष्ट्रपति से पद छोड़ने की अपील कर रहे हैं। आम लोग देश की वर्तमान स्थिति के लिए सरकार की नीतियां आर्थिक स्थिति के लिए जिम्मेदार हैं। कोलंबो में हिंसा जारी है। यहां लोगों ने की वाहनों में आग लगा दी है। सुरक्षा बल और आम लोग आमने-सामने आ गए हैं। श्रीलंका में अब तक हुई हिंसा में 10 लोग घायल भी हुए हैं और 50 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है।

प्रदर्शन करते लोग

ईंधन और गैस की भारी कमी

राष्ट्रपति राजपक्षे ने 1 अप्रैल से आपातकाल लगाने की घोषणा करते हुए एक गजट जारी किया। दरअसल श्रीलंका सरकार के पास तेल आयात करने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार की भारी कमी है और इस कारण देश में ईंधन की भारी कमी हो रही है। पेट्रोल-डीजल के लिए लोगों के घंटों लाइन में लगना पड़ रहा है।

पेट्रोल डीजल की कमी के चलते हर वस्तु महंगी

महंगाई के आलम यह है कि शिक्षा विभाग के पास कागज और स्याही खत्म हो गई है। परीक्षाएं अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई हैं। श्रीलंका की करीब 2.2 करोड़ जनता बिजली कटौती का सामना कर रही है। देश में अधिकांश स्थानों पर 13-14 घंटे बिजली काटी जा रही है। दूध पेट्रोल से भी महंगा हो गया है।


बस व ट्रेनों के पहिए रुके

श्रीलंका में डीजल की किल्लत इतनी ज्यादा है कि बसों और ट्रेनों के पहिए थम गए हैं। बिजली उत्पादन संयंत्र पूरी क्षमता से नहीं चलने से बिजली कटौती भी चरम पर पहुंच गई है। श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री जैमिनी लोकुगे ने कहा है कि ईंधन और गैस की कमी को पूरा करने में करीब 7 महीने लग सकते हैं। श्रीलंका में मार्च के पहले हफ्ते से ही 80 से 90 फीसदी बसें चलना बंद हो गई है।

पेट्रोल पम्पों पर सेना तैनात

श्रीलंका के सरकारी स्वामित्व वाले सीलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन द्वारा संचालित सभी ईंधन स्टेशनों पर सेना के जवान तैनात हैं। प्रत्येक पेट्रोल पंप पर सेना के दो जवानों को तैनात किया गया है, क्योंकि लोगों को कई घंटों तक कतारों में खड़ा रहना पड़ा। श्रीलंका में डीजल की आपूर्ति नहीं होने से रोजमर्रा का सामान भी महंगा हो गया है।

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