भोजशाला का मुद्दा सुर्खियों में : हिंदू पहुंचे हाईकोर्ट में, नमाज पर रोक लगाने की मांग, हिंदुओं को मिले नियमित पूजा का अवसर
⚫ मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका दायर
⚫ नमाज के दौरान थूक कर कर देते हैं अपवित्र धार्मिक स्थल को
हरमुद्दा
इंदौर, 11 मई। धार भोजशाला विवाद एक बार फिर कोर्ट पहुंच गया है। हिंदू फ्रंट फार जस्टिस ने मप्र हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोका जाए और हिंदूओं को नियमित पूजा का अधिकार दिया जाए। याचिका में कहा है कि हर मंगलवार हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर उन्हीं यज्ञ कुंडों में थूककर उन्हें अपवित्र कर देते हैं। दशकों पूर्व भोजशाला से लंदन ले जाई गई वागदेवी की प्रतिमा को वापस लाने की मांग भी याचिका में है।
बुधवार को हुई याचिका पर पहली सुनवाई
बुधवार को याचिका पर पहली सुनवाई हुई। न्यायमूर्ति विवेक रूसिया और न्यायमूर्ति अनिल वर्मा की युगलपीठ ने याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद केंद्र शासन, राज्य सरकार, पुरात्व विभाग, मौलाना कमालूद्दीन ट्रस्ट सहित अन्य पक्षकारों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिका में अगली सुनवाई जून के अंतिम सप्ताह में होगी।
अंग्रेज भोजशाला में लगी वागदेवी की प्रतिमा को ले गए थे लंदन
भोजशाला विवाद सदियों पुराना है। हिंदूओं का कहना है कि यह सरस्वती देवी का मंदिर है। सदियों पहले मुसलमानों ने इसकी पवित्रता भंग करते हुए यहां मौलाना कमालूद्दीन की मजार बनाई थी। भोजशाला में आज भी देवी-देवताओं के चित्र और संस्कृत में श्लोक लिखे हुए हैं। अंग्रेज भोजशाला में लगी वागदेवी की प्रतिमा को लंदन ले गए थे।
भोजशाला हिंदुओं के लिए उपासना स्थली
याचिकाकर्ता हिंदू फ्रंट जस्टिस के मप्र संयोजक आशीष जनक और राष्ट्रीय संयोजन डा.रंजना अग्निहोत्री ने बताया कि हमने याचिका में कहा है कि फिलहाल प्रशासन ने व्यवस्था दे रखी है कि हर मंगलवार हिंदू भोजशाला में पूजा करेंगे और शुक्रवार को मुसलमान नमाज पढ़ेंगे। हमने याचिका में मांग की है कि मुसलमानों को भोजशाला में नमाज पढ़ने से तुरंत रोका जाए। हर मंगलवार हिंदू यज्ञ-हवन कर भोजशाला को पवित्र करते हैं लेकिन शुक्रवार को मुसलमान इसे अपवित्र कर देते हैं। भोजशाला हिंदुओं के लिए उपासना स्थली है। मुसलमान नमाज के नाम पर भोजशाला के भीतर अवशेष मिटाने का काम कर रहे हैं। हमने याचिका में भोजशाला परिसर की खोदाई और वीडियोग्राफी कराने की मांग भी की है। याचिका के साथ 33 फोटोग्राफ भी संलग्न किए गए हैं।