मिली रोशनी दिया आशीर्वाद : दुर्घटना से दोनों आंखों की गई रोशनी, सेवाभावी पुलिस की मदद से कालिका माता बगीचे में रहने लगा था वृद्ध

⚫ बालू को जब रोशनी आई तो पहचान गया आवाज से

⚫ कई सालों तक कई राज्य में कि संतों की सेवा

हरमुद्दा
रतलाम, 22 मई। दुर्घटना से दोनों आंखों की रोशनी खो जाने के बाद घसीट कर चलने वाले वृद्ध को सेवाभावी पुलिस वालों की मदद से कालिका माता बगीचे के बाजू में निवास कर रहने लगा। बालू पिता जीवाजी मीणा को जिला चिकित्सालय में 18 अक्टूबर 2021 को सुबह आइसोलेशन वार्ड में गंभीर अवस्था में भर्ती कराया गया। आंखों की जब रोशनी मिली तो बुजुर्ग ने आशीर्वाद दिया सेवा का फल भी सेवा से मिलता है।

चिकित्सक एवं स्टाफ को देखते हुए बालू

रोगी कल्याण समिति सदस्य समाजसेवी गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि जब  बालू भाई को सुबह नाश्ते देने के दौरान देखा तो डॉक्टरों से उसकी चिकित्सा और दवाइयां शुरू करवा दी गई। धीरे-धीरे बालू की हालत में सुधार होता गया परंतु आंखों से न दिखने के कारण दैनिक दिनचर्या के कामों में उसे दिक्कत आती थी। वार्ड बाय गोलू भैया और  सिस्टर की मदद से यह दूर की जाती थी।

दिखाया आई स्पेशलिस्ट को

मार्च 2022 में विचार आया क्यों ना बालू की आंखों को स्पेशलिस्ट डॉक्टर को दिखाया जाए। जिला चिकित्सालय के आंखों के विशेषज्ञ डॉक्टर श्याम सुंदर गुप्ता को संपर्क कर बालू के आंखों की जांच करवाई। 9 मार्च को भर्ती कर 10 मार्च को उसके एक आंख का ऑपरेशन किया गया। 2 दिन बाद पट्टी हटाने पर जो दृश्य हम सिनेमा में देखते हैं, वही दृश्य  वास्तविकता में देखने को मिला।

अरे ! यह तो मेरे हैं गोविंद सेठ

वृद्ध बालू भाई ने आवाज से पहचान लिया यह गोलू भाई और यह तो मेरे गोविंद सेठ है कह कर खुशियां जाहिर की। लंबे समय के बाद रोशनी पाकर बालू ने पुरानी यादों को बताते हुए कहा कि मेरा नाम बालू पिता जीवाजी मीणा ग्राम नगरी, छत्तीसगढ़ निवासी हूं। 20-25 सालों से रतलाम रह रहा हूं।

संतों की सेवा का आशीर्वाद मिला

वृद्ध बालू ने बताया कि 22 वर्ष पूर्व में  पिपलिया मंडी वाले जैन संत, बड़नगर वाले जैन संत, काले महाराज जैन संत की टोली में साइकिल पर आगे चलकर उनके ठहरने की व्यवस्था करने का कार्य करता था। मैं उनके साथ बैरागढ़, भोपाल, सूरत, अहमदाबाद सहित अनेक जगह पर यात्रा में गया था। मेरी पत्नी कमला की मृत्यु 22 वर्ष पूर्व हो चुकी है। घर में और कोई संभालने वाला नहीं है। अतः वर्तमान में कालिका माता क्षेत्र में रहकर छोटा मोटा मजदूरी का कार्य कर रहा था। दुर्घटना मैं रोशनी खो जाने के बाद  जिला चिकित्सालय भर्ती हुआ। आज 21 मई 2022 को मेरी दूसरी आंख का ऑपरेशन डॉक्टर श्याम सुंदर गुप्ता और उनके सहयोगी नर्सिंग स्टाफ विभा मंडलोई, चेतना सहा, मुरारी लाल शर्मा, आनंदी लाल पाटीदार, कन्हैयालाल एवं रामकन्या बाई के सहयोग से आज पट्टी हटा दी गई। दूसरी आंख से भी मुझे देखने का सौभाग्य संतों के आशीर्वाद से, सेवाभावी डॉक्टर व उनकी टीम एवं समाजसेवी श्री काकानी की मदद से ही संभव हुआ है।

ईश्वर सबको रखे अच्छा एवं स्वस्थ

अब मेरी देखरेख आइसोलेशन वार्ड के डॉक्टर एवं सिस्टर पुष्पा गुर्जर ,अर्चना परमार एवं स्टाफ द्वारा किया जा रहा है| बालू भाई ने जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन, जिला अस्पताल के सभी डॉक्टर, सिस्टर ,स्टाफ एवं समाजसेवी काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव एवं रोगी कल्याण समिति का हृदय से आभार प्रकट करते हुए कहां कि सपने में भी मैंने इतना अच्छा होते हुए नहीं सोचा। ईश्वर सबको अच्छा एवं स्वस्थ रखें।

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