सहकारिता की उन्नति में राजनीतिकरण और सहकारीकरण बाधक
⚫ सहकार भारती की बैठक में श्री चौधरी ने कहा
हरमुद्दा
रतलाम, 31 मई। सहकार भारती के प्रदेेश अध्यक्ष चौधरी नारायण सिंह ने यहां कहा कि सहकारिता की ओर सरकार का ध्यान नहीं है। सहकारिता की उन्नति में राजनीतिकरण और सहकारीकरण बाधक है। हालांकि केंद्र सरकार ने पृथक सेे एक मंत्रालय बनाकर अमित शाह को जिम्मेदारी दी है, उससे लगता है कि अब सहकारिता के दिन अच्छे आएंगे। सहकारिता की कमान आम कार्यकर्ताओं के हाथों मेें आए यह जरूरी है। इसके लिए हमें अपनी शक्ति को बढ़ाना पड़ेगा,संगठन को मजबूती देना होगी और तहसील से भी निचले स्तर पर जाकर सेेवाा सहकारी समितियों को इकाई बनाकर हमारी समितियां हमें गठित करना होगी ताकि अधिक से अधिक लोगों को सहकारिता से जोड़ा जा सके।
श्री चौधरी नेे सहकार भारती की जिला कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 11 जनवरी 1978 को कुछ साथियों के साथ लक्ष्मणराव ईनामदार ने सहकार भारती की पुना में स्थापना की। इसके बाद इसका विस्तार 1979 में मुंबई में किया गया, जिसका उद्देश्य सहकारिता को शुद्ध करना और मजबूत बनाना है। आज देश में साढ़े छ: लाख सेे अधिक सहकारी संस्था है, जिनसे 21 करोड़ से अधिक लोग जुड़ेे है। यहीं आंदोलन ऐसा हैै जिसके माध्यम से लोगोंं को रोजगार दिया जा सकता है और सहकारी समितियोंं के माध्यम से लोगों के सपने पूरे किए जा सकते है। जैसा की हमारा ध्येेय वाक्य है बिना संस्कार नहीं सहकार, बिना सहकार नहीं उद्धार। इसी मूल मंत्र पर चलतेे हुए हम सहकारिता केे शुद्धिकरण का कार्य कर रहे है।
सहकारी समितियों के माध्यम से पूरे किए जा सकते है लोगों के सपने
सहकार भारती के माध्यम से लोगों को आत्मनिर्भर बनाने का काम देशभर में किया जा रहा है। सहकारिता के क्षेत्र में यह नंबर-1 संगठन है जो सहकारिता के क्षेत्र में तहसील स्तर पर सहकारिता कार्यकर्ताओं को जोड़कर सहकारी संस्थाओं के माध्यम से सहकारिता आंदोलन को मजबूती प्रदान करने का कार्य कर रहा है।
बिना शक्ति के कही भी पूछ-परख नहीं
श्री चौधरी ने यह भी कहा कि आज चर्चा है कि हमारी कही सुनवाई नहीं होती और ना ही शासन-प्रशासन मेें हमारी बात पर महत्व दिया जाता हैै। हमारे कार्यकर्ता को यह बात याद रखना होगी कि बिना शक्ति के कही भी पुुछ-परख नहीं होगी, हम जितना संगठन को अधिक शक्ति प्रदान करेंगे, अधिक से अधिक सदस्य बनाएंगे तभी हमारी शक्ति का एहसास सर्वजन को होगा और हमारी बात सुनी जाएगी। उन्होंने सदस्यता ,भ्रमण, सम्मेलन तथा सामूहिक चर्चा को संगठन की मजबूती का माध्यम बताया और कहा कि इन बातों पर हम ध्यान दे, तभी हमारा संगठन सफल होगा।
सम्मेेलनों मेें संगठन को गति देने के लिए अनेक प्रस्ताव : शर्मा
सहकार भारती की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य जावरा केे देवेन्द्र शर्मा ने कहा कि हाल ही में राष्ट्र और प्रदेश मेें हुए सम्मेेलनों मेें संगठन को गति देने के लिए अनेक प्रस्ताव और निर्णय पारित हुए है। उसी दृष्टि से प्रदेशभर में प्रांतीय अध्यक्ष श्री चौधरी भ्रमण कर रहे है ताकि संगठन को ओर प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि सहकारिता के चुनाव शीघ्र हो इस संबंध में भी सहकार भारती प्रयत्नशील है।
सहकारी आंंदोलन का शुद्धिकरण : राठौर
सहकारिता नेता राजेन्द्र राठौर ने उपभोक्ता भंडार तथा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में आ रही समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया और कहा कि सहकारी संस्थाओंं को जब तक जनप्रतिनिधियों के हवाले नहीं किया जाता तब तक सहकारी आंंदोलन का शुद्धिकरण नहीं हो सकता।
सहकारी क्षेत्र से जोड़ा जाएगा कार्यकर्ताओंं : परमार
जिलाध्यक्ष गोपाल परमार ने जिले मेंं चल रही संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी देते हुए कहा कि तहसील स्तर का गठन किया जा चुका है। अधिक से अधिक सहकारी क्षेत्र केे कार्यकर्ताओंं को जोड़ा जाएगा। तहसील और जिला सम्मेलन भी शीघ्र आयोजित किए जाएंगेे। संचालन विद्युत साख समिति के राजेश जोशी ने किया। आभार महामंत्री सुनील पोरवाल ने माना।
शाल-श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया श्री चौधरी का
श्री चौधरी का शाल-श्रीफल भेंट कर अभिनंदन किया गया। प्रारंभ में जिलाध्यक्ष गोपाल परमार, वरिष्ठ सहकारी नेता शरद जोशी, सुरेन्द्र जोशी मुन्ना, सूर्यकांत उपाध्याय, राजेन्द्र राठौर, मोड़़ीराम सोलंकी, सत्यनारायण पाटीदार, उच्छवलाल भाटी, उमा भारद्वाज, अर्चना अग्रवाल, प्रथमा कोशिक, धर्मेन्द्र पाटीदार, भेरूलाल पोरवाल, अंजनीनंदन उपाध्याय, दीपक साधो, लक्ष्मणदास बैरागी, संजय आचार्य, ईश्वर बोराना, मयंक चौहान, रंजीत राठौर, जगदीश हरारिया, भरत शर्मा, मंगलेेश मंडोरा, मोहन शर्मा, जमन मुरारी, ओम पुुरोहित, बालुराम लोधा सहित पदाधिकारी एवं कार्यकर्ताओं ने अतिथियों का स्वागत किया।