जुमे की नमाज के बाद हिंसा : दुकानें बंद करवाई, दो समुदाय में पथराव
⚫ पुलिस ने एक दर्जन से अधिक उपद्रवी को किया गिरफ्तार
⚫ टीवी चैनल की डिबेट में बोला था उन्होंने कुछ ऐसा
हरमुद्दा
कानपुर 3 जून। बेकनगंज में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो समुदाय ने हिंसा हो गई। जबरन कई दुकानें बंद करवाई। इसके बाद विवाद गहराया और दोनों ने एक दूसरे पर पथराव किया। सूचना मिलते तत्काल पुलिस मौके पर पहुंची। उपद्रवियों ने पुलिस पर भी पत्थरबाजी की। पुलिस ने 1 दर्जन से अधिक उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है। ज्ञातव्य है कि प्रधानमंत्री का उत्तर प्रदेश द्वारा भी है इसके मद्देनजर पुलिस प्रशासन काफी सतर्क हो गया है।
मिली जानकारी के अनुसार यतीमखाना की सद्भावना चौकी के पास बाजार बंद कराने को लेकर दो समुदाय में झड़प हो गई। देखते ही देखते पथराव शुरू हो गया।
नमाज में कहा गया ऐसा…
जुमे की नमाज के दौरान ज्यादातर मस्जिदों में हुई तकरीरों में कहा गया कि वे मोहम्मद साहब पर की गई किसी भी टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेंगे। पुलिस ने किसी भी इलाके में लोगों को नमाज के बाद प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन लोग सड़कों पर निकल आए। परेड चौराहा पर करीब एक हजार लोग इकट्ठा हुए। जिसके बाद पथराव शुरू हुआ। संदेह के आधार पर पुलिस ने 18 उपद्रवियों को हिरासत में लिया है।
राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बीच हिंसा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कानपुर दौरे के बीच कानपुर में हिंसा देखने को मिली है। भारी पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति पर काबू पा लिया है। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कानपुर के दौरे पर हैं।
मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में बाजार थे बंद
मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्रों में कारोबार पूरी तरह से आज बंद रखा गया था और पुलिस सुरक्षा के बीच जुमे की नमाज अदा की गई। इसके बाद यतीमखाना स्थित सद्भावना चौकी के पास दोनों पक्ष आमने- सामने आ गए। भीड़ जुटने पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ दिया। इसके बाद हालात तनाव पूर्ण हो गए। लोग तंग गलियों में घुसकर पत्थरबाजी करने लगे।
बख्शा नहीं जाएगा किसी को
कानपुर उपद्रव पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई होगी। कोई बख्शा नहीं जाएगा।
हुआ था ऐसा
मुद्दे की बात यह है कि भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी चैनल की डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद साहब पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। जिससे मुस्लिम समाज में नाराजगी थी। इसको लेकर मुस्लिम संगठनों ने बाजार बंद का आह्वान भी किया।