जिस क्षण ये भाव अंतर्मन से आभास करने लगेंगे, उस क्षण हो जाएंगे प्रेममय : डॉ प्रज्ञा

⚫ निशुल्क प्रज्ञावान-प्रज्ञा योग प्राणायाम एवं ध्यान शिविर

हरमुद्दा
रतलाम, 9 जून। निस्वार्थ प्रेम ही ईश्वर है। ब्रह्मांड का आधार ही ये है। ये पूर्ण सृष्टि एक ही है। सब लोग आप के ही प्रतिबिंब हैं,तो फिर क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार, द्वेष किससे करना। आप जिस क्षण ये भाव अंतर्मन से आभास करने लगेंगे, उस क्षण प्रेममय हो जाएंगे। इसके अनुरूप जीवन यापन करने से आप आध्यात्मिक हो जाएंगे तथा धर्म और अध्यात्म के अंतर को समझ पाएंगे।

डॉ प्रज्ञा पुरोहित संबोधित करते हुए

यह बात डॉ. प्रज्ञा पुरोहित ने कही। डॉ. पुरोहित योग प्राणायाम ध्यान शिविर में शिविरार्थियों को योग प्राणायाम के महत्व को बता रही थी।

शिविर में बताया जा रहा है विभिन्न रोगो से मुक्ति का मार्ग

डॉ. अरुण पुरोहित मित्र मंडल एवं सर्व ब्राहम्ण महासभा द्वारा राजेन्द्र नगर स्थित सूभेदार आईएमए हाल में आयोजित प्रज्ञावान-प्रज्ञा योग प्राणायाम एवं ध्यान शिविर में विभिन्न रोगो से मुक्ति का मार्ग बताया जा रहा है। बुधवार को सूर्य नमस्कार किया गया। सर्वाइकल से जुड़े रोगो का समाधान बताया गया।  ध्यान के लाभों से शिविरार्थियो को आनंद की अनुभूति हुई। शिविर 12 जून तक चलेगा। शिविर में डेन्टल सर्जन एवं योग प्रशिक्षिका डॉ प्रज्ञा पुरोहित ने योग प्राणायाम कराकर विभिन्न आसन बताए|

आज होगा फेफड़ों के रोग का निदान

डॉ प्रज्ञा ने ध्यान के माध्यम से शरीर एवं बुद्धि पे कैसे विजय पाई जाए ? ये बताया, इससे ध्यानार्थियों को आनंद की अनुभूति हुई।आगामी दिनों में ध्यान को आत्मा की और अग्रसर किया जाएगा, जिससे व्यक्ति अपनी वास्तविकता से जुड़ सके। शिविर में गुरुवार को प्राणायाम द्वारा फेफड़ो के रोग का समाधान बताया जाएगा। इससे कोविड,दमा, अस्थमा आदि के रोगी लाभान्वित होंगे।

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