गुरु का ज्ञान : गुरु का शिष्य के प्रति रिश्ता रक्त संबंधों से बढ़कर

⚫ गुरु पूर्णिमा उत्सव में प्रख्यात चिंतक प्रोफेसर अजहर हाशमी ने कहा

हरमुद्दा
रतलाम 13 जुलाई। गुरु अपने शिष्य को संस्कार, विचार और व्यवहार की त्रिवेणी देता है l गुरु शिष्य को निपुणता प्रदान करता है l शिक्षक विद्यार्थी को शिक्षा देता है लेकिन गुरु ज्ञान, ध्यान और विज्ञान सिखाता है। गुरु का शिष्य के प्रति रिश्ता रक्त संबंधों से बढ़कर होता है। गुरु से ज्ञान प्राप्त कर शिष्य अपने जीवन को संपूर्णता प्रदान कर सकता है l एक समर्पित गुरु शिष्य की पूरी पीढ़ी तैयार करता है।

यह विचार प्रख्यात चिंतक और वरिष्ठ साहित्यकार प्रोफ़ेसर अजहर हाशमी ने बुधवार को अपने निवास पर विद्यार्थी परिवार द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा उत्सव में व्यक्त किए।

शाल श्रीफल से किया अभिनंदन

इस अवसर पर विद्यार्थी परिवार ने शाल श्रीफल से प्रोफेसर हाशमी का अभिनंदन किया। इस अवसर पर विद्यार्थी परिवार अध्यक्ष एडवोकेट सतीश त्रिपाठी, डॉ. प्रवीणा दवेसर,  डॉ. अनिला कवर, व्याख्याता नंदिनी सक्सेना, पत्रकार तुषार कोठारी, कमल सिंह, भारत गुप्ता, वैदेही कोठारी, मनीषा गुप्ता, शलभ नागर, ओम प्रकाश नागर , प्रारब्ध त्रिपाठी आदि उपस्थित थे।

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