भारी बारिश का असर : भारतीय रेलवे लाइन की ऐतिहासिक धरोहर अंग्रेज के जमाने का रेलवे ब्रिज टूटा, अवैध खनन को मान रहे हैं कारण

⚫ 24 घंटे से हो रही है जोरदार बारिश

⚫ वक्त रहते नहीं ली गई पुल की सुध

हरमुद्दा
कांगड़ा, 20अगस्त। भारतीय रेलवे लाइन की ऐतिहासिक धरोहर पठानकोट-कांगड़ा जोगेंद्रनगर रेलवे ट्रैक एक बार फिर से ठप हो गया है। दरअसल भारी बरसात के कारण चक्की के पास एक रेलवे पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गया। यह चक्की पुल बेहद पुराना और पंजाब से हिमाचल तक रेलवे ट्रैक को जोड़ने वाला एकमात्र पुल था।

जानकारी के मुताबिक, शनिवार सुबह पुल का पिलर व दो स्पेम एकाएक गिर गए। चक्की खड्ड का जलस्तर बढ़ने के कारण आसपास के लोग बहाव देखने के लिए पहुंचे थे। इसी दौरान एकदम से पुल टूट गया। पुल टूटने से कांगड़ा घाटी रेल का संपर्क भी पूरी तरह से कट गया है। पंजाब की ओर से पहले से ही क्षतिग्रस्त हिस्सा अब पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आकर बह गया है। इससे पहले भी इस पुल पर कई बार चक्की खड्ड का पानी ओवरफ्लो होता रहा है, लेकिन वक़्त रहते इस पुल की सुध नहीं ली गई। अब बीते 24 घंटों से जारी भारी बरसात के कारण आज ये पुल बाढ़ की भेंट ही चढ़ गया।

पिछले माह ही आवागमन कर दिया था रेलवे ने बंद

हालांकि रेलवे विभाग ने बीते माह के दौरान ही पठानकोट से जोगेंद्रनगर ट्रैक पर चलने वाले रूट बरसात के चलते बंद कर दिए थे, क्योंकि रेलवे की टीम ने इस पुल काे असुरक्षित घोषित कर दिया था। जानकारी के मुताबिक इस रेलवे पुल के गिरने का मुख्य कारण ही अवैध खनन है। खनन माफिया ने पुल के आगे पीछे दोनों और अवैध खनन कर करके चक्की खड्ड के बहाव को ही सिकोड़ दिया है। जो चक्की खड्ड पहले मीटरों फैलकर बहती थी वह अब सिकुड़ चुकी है। पुल के पास तो यह स्थिति है कि यहां चक्की खड्ड का बहाव मात्र 12-15 मीटर ही रह गया है। इसी के चलते यह हादसा हुआ है।

सस्ती रेल सुविधा से मोहताज

हालांकि कांगड़ा घाटी रेल का लाभ उठाने वाले लोगों को पहले उम्मीद थी कि बरसात थमने के बाद रेल सेवा शुरू हो जाएगी और वह लोग सस्ती रेल यात्रा कर पाएंगे। लेकिन अब इस पुल के गिर जाने से बरसात के बाद भी कांगड़ा घाटी रेल बहाल नहीं हो पाएगी। यहां बता दें कि दो-तीन वर्ष पूर्व यहां रेलवे पुल गिरा था।

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