निपुण भारत मिशन : ऐप के माध्यम से परखेंगे, छात्र अब तक कितने हुए दक्ष, किस क्षेत्र में शिक्षकों को और मेहनत करने की आवश्यकता
⚫ शालाओं में 13 अक्टूबर को पहुंचेंगे छात्राध्यापक
⚫ पढ़ाई के पुराने ढर्रे को छोड़ रोचक तरीके से हिंदी व गणित की दक्षताओं में निपुण बनाना ही मकसद
हरमुद्दा
पिपलौदा, 8 अक्टूबर। निपुण भारत मिशन अंतर्गत प्रदेश के विद्यालयों के छात्र कितने निपुण हो रहे हैं, जिसकी जांच करने के लिए चयनित शालाओं के छात्रों की परीक्षा ली जा रही है। इसके लिए शिक्षा विभाग तकनीकी का सहारा ले रहा है। इसके अंतर्गत निपुण लक्ष्य ऐप के माध्यम से परखा जाएगा कि छात्र अब तक कितने दक्ष हुए हैं और किस क्षेत्र में शिक्षकों को और मेहनत करने की आवश्यकता है।
यह बात जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य डॉ. नरेंद्र कुमार गुप्ता ने शिक्षकों एवं जनशिक्षकों को कही।जनपद शिक्षा केंद्र पिपलोदा पर निपुण भारत अभियान अंतर्गत कक्षा 1 और 2 के छात्रों का सर्वे हेतु चयनित शालाओ के शिक्षकों प्रधानाध्यापकों एवं जनशिक्षकों की बैठक आयोजित की गई।
ऐप के माध्यम से करेंगे सर्वे
बैठक में डॉ. गुप्ता ने कहा कि निपुण भारत अंतर्गत बुनियादी साक्षरता एवं संख्या ज्ञान की जांच हेतु डाइट पिपलोदा के छात्राध्यापक शालाओं में 13 अक्टूबर 2022 को पहुंचेंगे तथा ऐप के माध्यम से सर्वे करेंगे। इस सर्वे को सफल बनाने के लिए संस्था प्रधानों को स्कूल में तैनात शिक्षकों को सहयोग के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षकों को करना होगा पूरे मनोयोग से कार्य
जिला शिक्षा केंद्र रतलाम के सहायक परियोजना समन्वयक राकेश कुमार झा ने बताया कि निपुण भारत मिशन को सफल बनाने हेतु शिक्षकों को पूरे मनोयोग से कार्य करना होगा इसके लिए कक्षा एक एवं दो पर आने वाले सभी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।अब आपकी जिम्मेदारी है कि आपकी शाला के बच्चों की बुनियादी शिक्षा को मजबूती प्रदान करें।
पढ़ाई के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़ रोचक तरीके से खेल-खेल में हिंदी भाषा व गणित की दक्षताओं में निपुण बनाना ही मकसद
जनपद शिक्षा केंद्र स्रोत समन्वयक प्रदीप सिंह बैस ने जन शिक्षकों और प्रधान अध्यापकों को कहा कि नवीन शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश सरकार ने 2025- 26 निपुण प्रदेश बनाने का लक्ष्य रखा है। पढ़ाई के पुराने ढर्रे को पीछे छोड़ रोचक तरीके से खेल-खेल के अंदाज में हिंदी भाषा व गणित की दक्षताओं मे उन्हें निपुण बनाना है । जिन बिंदुओं में छात्र कमजोर हैं, उन बिंदुओं पर शिक्षकों को अधिक काम करने के लिए कहा गया।
यह थे मौजूद
बैठक में डाइट के प्रशिक्षण प्रभारी अलका आचार्य, राज्य स्रोत समूह के सदस्य राजेंद्रराव भोगलेकर, खंड अकादमिक समन्वयक रामदयाल आंजना, सत्यनारायण राठौड़, बालाराम चौहान, रामकृष्ण उपाध्याय, एमआरसी मदन धमानिया, लक्ष्मीनारायण जोशी, कालू सिंह भाटी, सुरेंद्रसिंह चंद्रावत, तथा विकासखंड के समस्त जनशिक्षक, चयनित शालाओ के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षक उपस्थित थे।