सामाजिक सरोकार : नया दृष्टिकोण ही जीवन में नई ऊर्जा देता है : डॉ. जोशी
⚫ रतलाम फिजिक्स टीचर एसोसिएशन द्वारा अभिनंदन समारोह आयोजित
⚫ प्राचार्य वाते और मूणत का किया अभिनंदन
हरमुद्दा
रतलाम 8 अक्टूबर। नया दृष्टिकोण व्यक्ति को जीवन में नई ऊर्जा देता है । विज्ञान विषय ही हमें यह सिखाता है कि सदैव नए विचार, नई खोज और नई जीवनशैली की तरफ अग्रसर हों। सेवानिवृत्ति सेवा से हो सकती है मगर रचनात्मक एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कभी नहीं होती। व्यक्ति को सदैव नवीन सोच की तरफ अग्रसर रहना चाहिए।
यह विचार शिक्षाविद डॉ. एस.के. जोशी ने रतलाम फिजिक्स टीचर्स एसोसिएशन(आर ए पी टी) द्वारा आयोजित सम्मान एवं अभिनंदन समारोह में व्यक्त किए।
सेवानिवृत्ति पर किया अभिनंदन
समारोह में शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य पद से सेवानिवृत्त डॉ. संजय वाते एवं शासकीय उच्चत्तर माध्यमिक विद्यालय बिरमावल से सेवानिवृत्त प्राचार्य दिलीप मूणत का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर श्यामवन्त पुरोहित ने एन एम आर पर प्रस्तुतिकरण दिया।उन्होंने एम आर आई की तकनीक, उसके पीछे के भौतिक विज्ञान को समझाया।
जो भी कुछ कर सका वह विद्यार्थियों द्वारा मिली ऊर्जा का ही परिणाम : डॉ. वाते
इस अवसर पर डॉ. वाते ने कहा कि अध्यापन के दौरान विद्यार्थियों के साथ बिताए हुए पल सदैव प्रेरणा प्रदान करते हैं। भौतिक शास्त्र के विद्यार्थी के रूप में, उसके बाद एक शिक्षक के रूप में और फिर प्राचार्य के रूप में जो भी कुछ कर सका वह विद्यार्थियों द्वारा मिली ऊर्जा का ही परिणाम था।
तो लगता है आपकी शिक्षा नहीं गई व्यर्थ : मूणत
श्री मूणत ने कहा कि शिक्षा प्रदान करना बहुत पुण्य का कार्य है । एक विद्यार्थी जब आप से शिक्षा प्राप्त करने के बाद किसी महत्वपूर्ण मंज़िल को पा लेता है और वह आपके सामने खड़ा होता है तब आपको यह महसूस होता है कि आपके द्वारा दी गई शिक्षा व्यर्थ नहीं गई । यह ऐसी पूंजी है जिसे निरंतर बढ़ाया जा सकता है, जो कभी खत्म नहीं होती। समारोह को अमर वरदानी ने भी संबोधित किया।
इन्होंने किया स्वागत
आरएपीटी के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौर ने स्वागत उद्बोधन देते हुए अतिथियों का शब्दों से स्वागत किया। पुष्पहार से स्वागत जितेंद्र जोशी, श्यामवंत पुरोहित, वीरेंद्र मिंडा, एसके भावसार, आर.के. त्रिपाठी, दिलीप पाटीदार, एसके बोरीवाल, सुधीर गुप्ता, अरविंद गुप्ता, माधुरी फड़नीस, वर्षा कुलकर्णी, श्रीमती निगम, मोहम्मद अकरम पठान आशीष दशोत्तर, मुकेश गहलोत, स्वतंत्र श्रोत्रिय, सैयद शराफत अली, राकेश त्रिवेदी सहित उपस्थित सदस्यों ने किया। संचालन राकेश जादौन ने किया। आभार श्री त्रिपाठी ने माना।