हम अपनी भाषा के मूल से भटक कर अंग्रेजी की ओर भाग रहे, हिन्दी को समझने तथा आत्मसात करने की आवश्यकता : पटेल
⚫ सीएम राइज विद्यालय में हिन्दी के महत्व पर हुआ कार्यकम
⚫ आयोजन में मौजूद सभी ने लिया हिंदी को समृद्ध बनाने का संकल्प
हरमुद्दा
पिपलौदा, 16 अक्टूबर। जो व्यक्ति अपने मूल से भटक जाता है, उसका उद्धार संभव नहीं है। हम अपनी भाषा के मूल से भटक कर अंग्रेजी की ओर भाग रहे हैं। हमें हिन्दी को समझने तथा आत्मसात करने की आवश्यकता है।
यह बात नगर परिषद अध्यक्ष उपमा पटेल ने प्रदेश सरकार की पहल पर सीएम राइज विद्यालय में आयोजित हिन्दी के महत्व कार्यकम में कही। उन्होंने कहा कि हिन्दी न सिर्फ भारत में वरन् विश्व के 176 देशों में प्रचलित है।
जिसने भाषा को समझ लिया, उसने अपनी आधी शिक्षा पूर्ण कर ली
कार्यक्रम में विद्यालय के 200 से अधिक छात्रों को संबांधित करते हुए पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष श्यामबिहारी पटेल ने कहा जिसने भाषा को समझ लिया, उसने अपनी आधी शिक्षा पूर्ण कर ली। हमारी किसी भाषा से लड़ाई नहीं है, लेकिन हम हिन्दी को छोड़ कर अन्य भाषाओं को अधिक महत्व देंगे तो ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर सभी को हिन्दी के बारे में समझाना पड़ेगा।
हिंदी को समृद्ध बनाने का लिया संकल्प
कार्यक्रम में संस्था के जितेन्द्र शर्मा, रानू सोनी, दीपिका शर्मा, अर्पित डावर, अर्जुनसिंह राठौर, कुमुद श्रोत्रिय, रितेश सुराना, दिलीप पालीवाल, अशोक सोलंकी, अनामिका त्रिवेदी, श्रेया बोहरा, रंजना सिसौदिया, परवेजआलम खान, ईसरार उद्दीन शेख, अंशुल शर्मा, कन्या उमावि से सुनील जैन, आदि उपस्थित रहे।स्कूल परिसर में शाम को दीप प्रज्ज्वलित कर हिन्दी साहित्य को समृद्ध बनाने का संकल्प लिया गया। स्वागत भाषण देते हुए प्राचार्य संजय कुमार शर्मा ने हिन्दी की महत्ता एवं उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा तकनीकी तथा मेडिकल की पढ़ाई में हिन्दी का उपयोग करने का स्वागत किया।
हिंदी की बारीकियों से अवगत कराया विद्यार्थियों को
कार्यक्रम में शिक्षक अरूण जोशी, गुलाम मोईनउद्दीन खान, धर्मेन्द्र पाटीदार तथा हिन्दी विभाग की प्रमुख डॉ मनीषा टैगोर ने हिन्दी की बारीकियों से छात्रों को अवगत करवाते हुए कक्षागत शिक्षण में हिन्दी के महत्व को समझाया। महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला के जन्मोत्सव पर आयोजित इस कार्यक्रम में हिन्दी कविता तथा उसके विकासक्रम के साथ ही हिन्दी का जीवन में महत्व बताया गया। संचालन संजय भट्ट ने किया। आभार राकेश मंगल ने माना।