हिंदी हमारी अपनी भाषा, आत्मा की भाषा, हृदय की भाषा है जो हमें जीवन का संदेश देती

⚫ हिंदी के महत्व पर आयोजित परिचर्चा में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमैन डॉक्टर मेहरा ने कहा

⚫ हिंदी के महत्व की लौ जलाए रखने का लिया संकल्प

हरमुद्दा
रतलाम, 16 अक्टूबर। शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें हिंदी के महत्व व भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गई। आयोजन में मौजूद सभी ने हिंदी के महत्व की लौ जलाए रखने का संकल्प लिया।

मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष डॉ. राजेशलाल मेहरा ने हिंदी भाषा के वैशिष्ट्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिंदी हमारी अपनी भाषा है। आत्मा की भाषा है। हृदय की भाषा है। यह हमें जीवन का संदेश देती हैं। आदि काल से लेकर आज तक अनेक महान साहित्यकार आए हैं जिनके एक एक शब्दों से साहित्य सजा है। यह साहित्य जीवन के मंत्रहैं।

हमें अपनी भाषा अपनी बोली पर होना चाहिए गर्व : डॉ. माधुरी

डॉ. माधुरी ने जातीय अस्मिता की पहचान बताते हुए कहा हमारी भाषा हमारी पहचान है हमें अपनी भाषा अपनी बोली पर गर्व करना चाहिए हिंदी आज विश्व की महत्वपूर्ण भाषा है। जिसने जीवन के प्रत्येक आयाम को स्वीकार कर अनेक चुनौतियों को पाकर एक विशिष्ट मुकाम हासिल किया है।

तकनीकी युग में भी अपनी क्षमता का परिचय हमें दे रही है हिंदी : डॉ. लोदवाल

विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी उच्च शिक्षा विभाग भोपाल से आई हुई डॉ. पूर्णिमा लोदवाल ने भाषा को जीवन की उपलब्धि का आधार बताते हुए कहा कि हिंदी भाषा जन-जन की भाषा है। स्वीकार की भाषा है जिसका स्वरूप अत्यंत सहज है, जो आज की तकनीकी युग में भी अपनी क्षमता का परिचय हमें दे रही है। जीवन परिवर्तन करने की शक्ति साहित्य में भरी पड़ी है साहित्य जीवन है।

हिंदी के महत्व की लौ जलाए रखने का लिया संकल्प

इस अवसर पर बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं और महाविद्यालय का स्टाफ उपस्थित रहा। संचालन डॉ. सी एल शर्मा ने किया। कार्यक्रम की नोडल अधिकारी डॉ. अर्चना भट्ट ने आभार माना। अंत में दीप प्रज्वलन कर हिंदी के महत्व की लौ जलाए रखने का संकल्प लिया।

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