विवाह के लिए शुक्र की हरी झंडी : शुक्रवार से फिर गूंजने लगेगी विवाह की शहनाई, इस साल विवाह के 10 दिन
⚫ देवउठनी एकादशी के बाद भी करना पड़ा युवक-युवतियों को दांपत्य सूत्र में बंधने के लिए इंतजार
⚫ शुक्र हो गया था अस्त, अब हुआ है उदय
⚫ बाजार में खरीदारों की धूम
हरमुद्दा
रतलाम, 24 नवंबर। वैसे तो देवउठनी एकादशी के पश्चात तुलसी विवाह के आयोजन शुरू हो गए हैं लेकिन शुक्र अस्त होने के कारण विवाह पर प्रतिबंध लगा हुआ था। 23 नवंबर को उदय हो गए शुक्र ने वैवाहिक आयोजन को हरी झंडी दे दी है। इस साल विवाह के 10 दिन हैं। 16 दिसंबर से लगने वाले मलमास के बाद फिर प्रतिबंध लगेगा। वैवाहिक आयोजनों के मद्देनजर बाजारों में खरीदारों की धूम मची हुई है। कपड़ा और सराफा बाजार में खरीदारों की चहल-पहल बढ़ गई है।
ज्योतिर्विद पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा को बताया कि देव दीपावली के पश्चात वैवाहिक आयोजन शुरू हो जाते हैं लेकिन शुक्र अस्त होने के चलते इस बार वैवाहिक आयोजन पर प्रतिबंध लग चुका था। 23 नवंबर को शुक्र उदय हो गया है। इसलिए वैवाहिक आयोजनों का सिलसिला शुरू हो जाएगा।
नवंबर में 25, 26, 27 और 28 तारीख विवाह के लिए श्रेष्ठ है। इसके पश्चात दिसंबर में 2, 7, 8, 9, 13 और 15 तारीख को विवाह के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त है। इसके पश्चात 16 दिसंबर को मलमास प्रारंभ हो जाएगा। इसके चलते वैवाहिक आयोजनों पर एक बार फिर प्रतिबंध लग जाएगा।
नए साल में 15 मार्च से पूरा अप्रैल विवाह के लिए निषेध
नए वर्ष में देवशयनी एकादशी तक 41 दिन वैवाहिक आयोजन के लिए श्रेष्ठ है। मलमास समाप्त होने के पश्चात 16 जनवरी में पुनः विवाह के आयोजन का सिलसिला शुरू होगा।
⚫ जनवरी में 19, 25, 26, 27, 30 और 31 तारीख है।
⚫ फरवरी में 6, 7, 8, 9, 10, 11, 14, 15, 16, 17, 22, 24, 27 और 28 तारीख विवाह के लिए श्रेष्ठ है।
⚫ मार्च में केवल 5, 8, 9 और 11 तारीख विवाह के लिए श्रेष्ठ है। तत्पश्चात 15 मार्च से मीनार्क शुरू होगा। जो कि 14 अप्रैल तक रहेगा। इस दौरान भी वैवाहिक आयोजन नहीं होंगे। इसके साथ ही 2 अप्रैल से गुरु अस्त हो जाएगा जोकि 29 अप्रैल को उदय होगा। इसके पश्चात मई में वैवाहिक आयोजन शुरू होंगे।
⚫ मई में 2, 10, 15, 20, 21, 28, 29 और 30 तारीख विवाह के लिए है।
⚫ जून में 2, 3, 5, 11, 12, 13, 22, 23 और 26 तारीख को वैवाहिक आयोजन होंगे।
⚫ 29 अप्रैल को देव शयनी एकादशी रहेगी। इसके पश्चात वैवाहिक आयोजन पर एक बार फिर प्रतिबंध लग जाएगा, जोकि देवउठनी एकादशी तक लागू रहेगा।