सहेली का सदमा : छात्रावास की दूसरी छात्रा ने कीटनाशक पीकर की आत्महत्या, 4 दिन पहले सहेली की छात्रावास से गिरने पर हुई थी मौत, वार्डन की नियुक्ति में भी हुई कृपा दृष्टि, अयोग्य को सौंप दिया था पद
⚫ सहेली के जाने के सदमे को नहीं कर पाई वह सहन
⚫ घर पर नींद में भी कृष्णा का ही नाम लेती रहती थी गीता
हरमुद्दा
रतलाम, 11 दिसंबर। सागोद रोड स्थित छात्रावास की एक छात्रा ने घर पर शनिवार को कीटनाशक पी लिया था, उसकी बांसवाड़ा में उपचार के दौरान रविवार को सुबह मौत हो गई। 4 दिन पहले जिस छात्रावास से गिरकर छात्रा की मौत हो गई थी उसकी ही पक्की सहेली थी यह छात्रा। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मुद्दे की बात तो यह है कि छात्रावास की वार्डन का पद भी कृपा दृष्टि से दिया गया जबकि वह उस पद के लिए योग्य नहीं थी। जिमेदारों ने वार्डन को हटाकर नई नियुक्ति कर दी गई है।
मिली जानकारी के अनुसार छोटी सरवन के पास चंद्रोसा गांव निवासी गीता पिता बालू ने शनिवार सुबह कीटनाशक पी लिया था, जिसे उपचार के लिए बांसवाड़ा ले गए थे, उसकी रविवार को मौत हो गई
कृष्णा के पिता देखने गए थे गीता को
ज्ञातव्य है कि गीता के पिता बालू गुरुवार को ही उसे घर लेकर गए थे क्योंकि वह अपनी सहेली कृष्णा डामोर की मौत को लेकर काफी दुखी थी और सदमे में थी। खाना पीना भी नहीं ले रही थी। शुक्रवार को दिन भर वह गुमसुम रही। किसी से बात भी नहीं की और शनिवार सुबह ही उसने घर में रखा कीटनाशक पी लिया। परिजनों को पता चलते उसे उपचार के लिए बांसवाड़ा ले गए, जहां पर रविवार सुबह उसकी मौत हो गई।
दोनों थी पक्की सहेली
कृष्णा के पिता बहादुर सिंह डामोर ने बताया कि कृष्णा और गीता दोनों ही पक्की सहेली थी। हालांकि गीता कृष्णा से उम्र में बड़ी थी और 11वीं में पढ़ती थी, वही कृष्णा नौवीं की छात्रा थी, लेकिन दोनों में इतनी घनिष्ठता थी कि एक दूसरे के बिना नहीं रहती थी। उसकी तबीयत पूछने के लिए बहादुर सिंह बांसवाड़ा दी गए थे उन्होंने बताया कि रविवार सुबह गीता की मौत हो गई।
अब जाकर उच्च अधिकारियों की कृपा दृष्टि वाली वार्डन को हटाया
हादसे के बाद छात्रावास की वार्डन सीमा कनेरिया को पद से हटा दिया है अब नई जिम्मेदारी सुनीता हारी को दी गई है। मुद्दे की बात यह है कि छात्रावास में पहले जिस वार्डन को नियुक्त किया था, वह उस पद के लिए योग्य नहीं थी फिर भी उच्च अधिकारियों ने उस पर कृपा दृष्टि करते हुए पद दे दिया जबकि वह प्राथमिक शिक्षिका है। नियम के अनुसार छात्रावास के वार्डन के पद की जिम्मेदारी उच्च शिक्षिका को दी जाती है लेकिन जिम्मेदारों ने ऐसा क्यों नहीं किया। यह अभी एक जांच के विषय है। आखिर उच्च अधिकारी ने ऐसा क्यों किया। इतने विद्यार्थियों की जिम्मेदारी उसे दे दी जो कि उसके योग्य नहीं थी। सूत्रों का कहना है कि पूर्व जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी ने ही हॉस्टल वार्डन की नियुक्ति की थी जबकि वह इस पद के लिए योग्य नहीं थी।