12 साल के बाद फैसला : 35 आरोपियों को सजा, धार्मिक स्थल पर गोबर फेंकने के बाद हुई थी हिंसा

⚫ उपद्रवी लोगों ने पुलिस पर भी किया था पथराव

⚫ 190 लोगों को किया था गिरफ्तार

⚫ 38 लोगों के खिलाफ चला था प्रकरण

⚫ दो की हो गई मौत, एक हुआ बरी

⚫ प्रदेश के गृहमंत्री थे उमाशंकर गुप्ता

हरमुद्दा
रतलाम, 13 दिसंबर। 12 साल पहले धार्मिक स्थल पर गोबर फेंकने की बात के बाद शहर में हुए हिंसक प्रदर्शन के 35 आरोपियों को न्यायालय ने पांच 5 साल की सजा सुनाई है। लोगों ने पुलिस पर भी पथराव किया था । करीब190 लोगों को गिरफ्तार किया था।  38 लोगों के खिलाफ प्रकरण चला। इस दौरान दो आरोपियों की मौत हो गई जबकि प्रकरण में एक आरोपी रईस पिता नाहरू को बरी किया गया है।

आरोपियों को ले जाते हुए पुलिस बल

मंगलवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश लक्ष्मण कुमार वर्मा की कोर्ट द्वारा 35 आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। विद्वान न्यायाधीश श्री वर्मा ने भादवि की धारा 435 में पांच वर्ष का कारावास और एक हजार रुपए अर्थदण्ड,धारा 3/149 संपत्ति नुकसानी अधिनियम में पांच वर्ष कारावास और 1 हजार रुपए अर्थदण्ड,धारा 332/149 में तीन वर्ष का कारावास,धारा 353/149 के तहत दो वर्ष का कारावास और पांच सौ रुपए अर्थदण्ड तथा धारा 427/149 में दो वर्ष के कठोर कारावास और एक हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई। कारावास की सभी सजाएं एक साथ चलेगी। अभियोजन की पक्ष की ओर से पैरवी अतिरिक्त लोक अभियोजक तरुण शर्मा ने की थी

यह हुआ था घटनाक्रम

उल्लेखनीय है कि रतलाम शहर के दानीपुरा क्षेत्र में 3 सितंबर 2010 शुक्रवार की रात को धार्मिक स्थल पर गोबर फेंकने के मामले ने इतना तूल पकड़ लिया था कि हिंसा भड़क गई थी प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा। उस समय प्रदेश के गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता थे और उन्होंने शांति सद्भावना की अपील भी की थी।

उपद्रवियों ने किया था पुलिस पर भी पथराव

घटना ने देखते-देखते सांप्रदायिक हिंसा का रूप ले लिया। वाहनों में तोड़फोड़ की गई। आगजनी भी हुई। पुलिस बल पर पथराव भी किया गया। पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और हवा में गोलियां भी चलाईं। उस समय तत्कालीन पुलिस अधीक्षक मयंक जैन थे।

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