मामला भुगतान का : बालाजी होटल का मजदूरों पर पुराने जमीदारो की तरह अत्याचार

⚫ भवन निर्माण के एक वर्ष बाद भी नहीं मिली गरीब को मजदूरी

⚫ पुलिस से भी मिली निराशा

हरमुद्दा
रतलाम, 13 दिसंबर। शहर के एक जाने-माने होटल व्यवसाई इन दिनों गरीब मजदूरों पर पुराने जमीदारो की तरह अत्याचार कर रहे है। व्यवसाई के निर्माण कार्य के एक वर्ष बाद भी मजूदरो को उनकी मजदूरी नहीं मिली। मजूदर कड़कडाती ठंड में दिन रात एक कर होटल व्यवसाई के निर्माण कार्य को पूरा करने में लगे थे लेकिन अत्याचारी होटल व्यवसायी ने उन्हें मजदूरी की राशि नहीं चुकाई। पूरा एक साल गुजर गया,लेकिन मजदूर आज भी मजदूरी की रकम मिलने का इंतज़ार कर रहे है।

यह मामला न्यू रोड स्थित बालाजी होटल व बालाजी रेस्टोरेंट का है। बालाजी होटल के संचालक जीतेन्द्र राठौर के कुछ समय पूर्व सालाखेड़ी फंटे पर स्थित मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग के मीड वे ट्रीट  का निर्माण मजदूरी पर कार्य करने वाले एक कारगर को ठेके पर देकर करवाया था। ठेकेदार के अनुसार उक्त निर्माण कार्य में करीब 16 लाख 85 हजार रूपये की लागत आयी थी। अधिकांश राशि निर्माण कार्य की सामग्री लेने में उपयोग की गई थी।

चेक दिया लेकिन भुगतान रोका

होटल व्यवसायी ने इस बकाया राशि में से एक लाख रु का भुगतान करने की बजाय इस राशि का चेक ठेकेदार को दे दिया लेकिन चेक पर कुछ दिनों बाद की तारीख डाल दी और उसे भरोसा दिलाया कुछ दिनों बाद चेक की राशि मिल जाएगी। चेक की निर्धारित तिथि आने पर होटल मालिक जीतेन्द्र ने ठेकेदार को कहा कि वह कुछ दिन तक चेक न लगाए क्योकि चेक की राशि का नगद भुगतान वह कुछ दिनों में कर देगा। इसी तरह टालमटोल करते हुए जितेंद्र राठौर ने चेक की तारीख निकलवा दी और तारीख निकलने के बाद बकाया राशि देने से साफ इंकार कर दिया और अपने राजनैतिक जुड़ाव की धौंस  देने लगा।

पुलिस के सामने किया करार, फिर भी राशि देने में कर रहा इनकार

एक वर्ष बीतने बाद भी मजदूरों की मजदूरी 1 लाख रुपए बकाया ना मिलने पर ठेकेदार ने थकहार कर 20 सितंबर को पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर अपनी राशि दिलाने की गुहार लगाई। जिसके बाद आवेदन पर सालाखेड़ी चौकी की पुलिस ने जीतेन्द्र राठौर को चौकी पर बुलाकर इस मामले में पूछताछ की तो जीतेन्द्र ने शेष 85 रूपये बकाया स्वीकार किया। वही पुलिस ने जितेन्द्र को समझाइश  दी कि मजदूरों की मजदूरी  समय पर देना चाहिए। जिसके बाद जितेंद्र ने 85 हजार की राशि 01 नवम्बर तक देना स्वीकार किया और पुलिस के सामने लिखित रूप से यह बात स्वीकार की। लेकिन अपने द्वारा लिखे जाने के बावजूद जीतेन्द्र तय दिनांक के बाद भी भुगतान में टालम टोली करता रहा।

षडयंत्र पूर्वक ले लिया पुराना चेक

ठेकेदार ने बताया कि 7 नवंबर को जीतेन्द्र राठौर ने मेरे छोटे भाई को मिड वे रेस्टोरेंट पर बुलाकर 50 हजार का देकर बक़ाया भुगतान 35 हजार अगले दिन देने का आश्वासन देते हुए षंडयंत्र पूर्वक चेक ले लिया। वही अगले दिन फिर टालम टोली शुरू करने लगा। मेरे द्वारा फोन करने पर मोबाईल बंद कर देता है। वही घर और होटल पर जाने पर छुप जाता और कई बार मुझे बाजार में देखते ही भाग जाता है। मेने पुलिस से भी मदद की कई बार गुहार लगाई परन्तु पुलिस से भी आश्वासन ही मिला।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *