मुद्दे की बात : प्राचीन श्री कालिका माता मंदिर की भूमि नहीं दी जाए रतलाम विकास प्राधिकरण को
⚫ सनातन धर्मसभा ने तहसीलदार को दिया ज्ञापन
⚫ कोर्ट ऑफ वार्ड्स के अधीन भूमि आवंटित कर सकता है मध्यप्रदेश शासन
⚫ कृषि मंडी के सामने की जमीन पर साड़ी क्लस्टर बनाने की है योजना
हरमुद्दा
रतलाम, 20 जनवरी। महू नीमच रोड स्थित कृषि उपज मंडी के सामने कोर्ट ऑफ वार्ड्स की जमीन रतलाम विकास प्राधिकरण लेकर साड़ी क्लस्टर बनाने की योजना को मूर्त रूप दे रहा है। इस मुद्दे पर सनातन महासभा ने तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर कहा कि प्राचीन और आस्था के केंद्र श्री कालिका माता मंदिर व्यवस्था के तहत आरक्षित भूमि रतलाम विकास प्राधिकरण को नहीं दी जाए।
सनातन धर्मसभा के मंत्री राजेंद्र शर्मा, कोषाध्यक्ष राजेश माहेश्वरी, अभिभाषक प्रकाश मजावदिया, सोहनलाल व्यास व अशोक शर्मा ने तहसीलदार को दिए पत्र में बताया गया है कि सर्वे क्रमांक 1102 रकबा 1.590 हेक्टेयर भूमि हेक्टेयर भूमि रियासत काल के समय श्री कालिका माता मंदिर व्यवस्था के लिए दी गई थी। यह भूमि वर्तमान में श्री कालिका माता मंदिर के नाम पर दर्ज है और कोर्ट ऑफ वार्ड्स में है।
आवंटित करने का अधिकार नहीं
अभिभाषक मजादिया ने बताया कि मुद्दे की बात तो यह कि कोर्ट ऑफ वार्ड्स की कोई भी भूमि आवंटित करने का प्रावधान नहीं है। भूमि आवंटित करने का अधिकार केवल मध्यप्रदेश शासन को है।
धर्मालुओं की आस्था का रखें ध्यान
श्री मजावदिया ने बताया कि पहली बात तो यह कि भूमि आवंटित करने का नोटिस समाचार पत्र में प्रकाशित नहीं किया गया। केवल नगर निगम और तहसील कार्यालय के सूचना बोर्ड पर उसे लगाया गया है। जब सनातन महासभा को जानकारी मिली, तब तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया है। ज्ञापन के माध्यम से सनातन महासभा ने रतलाम विकास प्राधिकरण को भूमि आवंटित नहीं करने की मांग की गई है ताकि रतलाम शहर के धर्मप्रेमी लोगों की आस्था प्रभावित ना हो।