अब मीनाक्षी की पढ़ाई में नहीं आएगी बाधा, प्रशासन का वादा : जब एक छोटी सी बालिका का दुखड़ा सुनाया पढ़ाई नहीं कर पाने का तो उसके स्कूल पहुंच गए कलेक्टर

⚫ बालिका रहती है दादी के साथ

⚫ मां का हो गया निधन

⚫ पिता ने कर ली दूसरी शादी

⚫ बालिका की पढ़ाई का खर्च प्रशासन उठाएगा

हरमुद्दा
रतलाम 21 फरवरी।  9 वर्षीय बालिका मीनाक्षी शर्मा के बचपन में ही उसकी माता का निधन हो गया था, पिता ने दूसरी शादी कर ली और कहीं अन्यत्र चला गया।  बालिका दादी सरिता शर्मा के साथ रहती है। गरीब दादी पढ़ाई का खर्च उठाने में असमर्थ है। छोटी सी बालिका का दुखड़ा सुनकर कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी बालिका कोलेकर उसके स्कूल पहुंच गए। स्कूल संचालक से बात की। बालिका को स्कूल में एडमिशन दिलवाया। कलेक्टर ने कहा बालिका की पढ़ाई का खर्च प्रशासन वहन करेगा।

मंगलवार को जनसुनवाई में मीनाक्षी अपनी दादी के साथ कलेक्टर के पास आई आवेदन दिया दादी ने बताया कि शहर के  सेंट स्टीफन स्कूल की कक्षा चौथी की विद्यार्थी मीनाक्षी को स्कूल वालों ने फीस नहीं देने के कारण निकाल दिया है। बहुत निवेदन के बाद भी स्कूल में नहीं बैठा रहे हैं। दादी की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि बालिका को पढ़ा सके।

स्कूल संचालक से की चर्चा

स्कूल संचालक उपाध्याय से चर्चा करते हुए कलेक्टर

बालिका की परेशानी को सुनकर कलेक्टर श्री सूर्यवंशी तत्काल महिला बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा डीपीसी एम एल सांसरी को साथ लेकर बालिका के स्कूल पहुंचे स्कूल संचालक संजय उपाध्याय से चर्चाकर उनको समझाया।

अब मीनाक्षी के पढ़ाई में नहीं आएगी बाधा

दादी के साथ सरकारी वाहन से घर पहुंची बालिका

कलेक्टर ने कहा कि बालिका मीनाक्षी की पढ़ाई में अब कोई बाधा नहीं आएगी उसकी पढ़ाई का पूरा खर्च प्रशासन उठाएगा। स्कूल फीस रेड क्रॉस से दी जाएगी। कलेक्टर ने उसी समय  बालिका को स्कूल में भर्ती कराया। बाजार से चॉकलेट मंगा कर बालिका को दी। इसके बाद बालिका और उसकी दादी को अपने स्वयं के शासकीय वाहन से बालिका के जवाहर नगर स्थित निवास पर पहुंचाया।

मुख्यमंत्री हैं बालिका शिक्षा के प्रति अत्यंत संवेदनशील

इस दौरान कलेक्टर श्री सूर्यवंशी ने कहा कि स्वयं हमारे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बालिकाओं की परवरिश और उनकी शिक्षा के लिए अत्यंत संवेदनशील है। इसीलिए उनके द्वारा लाडली लक्ष्मी तथा अन्य बेहतरीन योजनाए प्रदेश में लागू की गई है मुख्यमंत्री की भावना एवं निर्देश अनुसार जिला प्रशासन भी बालिकाओं के हितों की रक्षा के लिए जागरूक एवं संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रहा है।

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