पटवारी की धोखाधड़ी : बैंक से लोन दिलाने के नाम पर कूटरचित दस्तावेज बनाकर एक महिला और एक पुरुष के साथ लाखों की धोखाधड़ी
⚫ बैंक वाले लोन की किस्त मांगने आए, तब पता चला की हुई धोखाधड़ी
⚫ दो के साथ धोखाधड़ी करने में पटवारी के साथ एक पुरुष और एक महिला भी शामिल
⚫ तीनों आरोपी हैं फरार, पुलिस कर रही तलाश
हरमुद्दा
रतलाम, 19 मार्च। लोन दिलाने के नाम पर एक पटवारी द्वारा दो के साथ धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है। धोखाधड़ी करने में पटवारी के साथ एक महिला और एक पुरुष भी शामिल हैं। पटवारी द्वारा धोखाधड़ी के शिकार एक महिला और एक पुरुष हुए हैं। लोन के नाम पर धोखाधड़ी के शिकार हुए महिला पुरुषों को तब पता चला जब बैंक वाले लोन की किस्त लेने उनके घर पहुंचे। शिकायत के बाद पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। आरोपी फरार है पुलिस तलाश कर रही है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रतलाम जिले के आलोट तहसील में पटवारी के पद पर पदस्थ रतलाम के 80 फीट रोड कर्मचारी कालोनी निवासी हेमन्त पिता महेन्द्र बागडी ने कुछ समय पूर्व दो व्यक्तियो से बैंक से लोन दिलाने के नाम पर कागजात लिए थे। बताया जाता है कि आरोपी पटवारी बागड़ी की अनुकम्पा नियुक्ति के तहत पटवारी पद पर मिली है।
पहला मामला
इनमें पटवारी हेमन्त ने अपने एक परिचित महेन्द्र पिता फकीरचन्द परमार निवासी हनुमान रुण्डी को लोन दिलाने के लिए महेन्द्र परमार के केवायसी (पहचान) दस्तावेज लिए थे। पटवारी बागडी ने महेन्द्र के इन दस्तावेजों पर अपने एक साथी शैलेष के फोटो लगाकर इण्डियन ओवरसीज बैैंक में महेन्द्र परमार के नाम का नकली खाता खुलवाया और इस नकली खाते के माध्यम से हीरो फायनेन्स कंपनी से लोन भी ले लिया। इस पूरे मामले की परमार को भनक तक नहीं लग पाई।
किस्त के रुपए मांगने कब चला पता धोखाधड़ी का
श्री परमार को इस धोखाधडी की जानकारी तब मिली, जब फाइनेन्स कंपनी के कर्मचारी ने उन्हे फोन लगाकर लोन की किस्त जमा कराने को कहा। श्री परमार ने जब इण्डियन ओवरसीज बैैंक में जाकर पता किया तो मालूम हुआ कि उसके नाम पर खाता खुलवाया गया है और पांच लाख से अधिक का लोन भी लिया गया है। जबकि खातेदार के फोटो के स्थान पर किसी अन्य अज्ञात व्यक्ति का फोटो लगा हुआ था। धोखाधडी की जानकारी मिलने पर श्री परमार ने पूरे मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी को की।
शिकायत पर प्रकरण दर्ज
पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने मामले की प्राथमिक जांच की और धोखाधडी के तथ्य सामने आने पर श्री परमार की रिपोर्ट पर आरोपी हेमन्त पिता महेन्द्र बागडी और शैलेष के खिलाफ भादवि की धारा 420,467,468 में प्रकरण दर्ज किया।
दूसरा मामला
आरोपी पटवारी बागडी का इसी तरह की एक और धोखाधडी का मामला सामने आया, जिसमें बागड़ी ने अपनी एक महिला सहयोगी के साथ मिलकर एक निजी स्कूल की टीचर शालीनी पति प्रशान्त सक्सेना के नाम का फर्जी बैक खाता खुलवाया।
पहचान के दस्तावेज लिए
श्रीमती सक्सेना ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पटवारी बागडी ने उन्हे बैैंक से लोन दिलाने के नाम पर उनकी पहचान के दस्तावेज प्राप्त किए और अपने पास रख लिए। जब उससे दस्तावेज मांगे गए तो उसने कहा कि ये दस्तावेज बैैंक की फाइल मे लग गए है। जबकि बागड़ी ने अपनी एक महिला सहयोगी प्रतिभा पिता ललिता पेन्टर निवासी गौशाला रोड के साथ मिलकर बैैंक आफ बड़ौदा में श्रीमती सक्सेना के नाम का खाता खुलवया। इस खाते में शलिनी की जगह प्रतिभा का फोटो लगाया गया।
धोखाधड़ी की लगी भनक तो किया पुलिस से संपर्क
जब श्रीमती सक्सेना को इस धोखाधडी की भनक लगी तो उन्होने पुलिस से सम्पर्क किया। औद्योगिक क्षेत्र पुलिस ने श्रीमती सक्सेना की रिपोर्ट पर हेमन्त बागडी और प्रतिभा के खिलाफ कूटरचित दस्तावेज तैयार करने और धोखाधडी करने की धाराओं 420,467,468 भादवि के तहत आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। फिलहाल आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है।