मुद्दे की बात : जिम्मेदारों की ऐसी तैयारी, आदिवासी अंचल के क्षेत्र में पेयजल के लिए परेशानी, लघु उद्योग निगम से जब मोटर आएगी, तब होंगे आदिवासियों के गले तर
⚫ कलेक्टर ने ली सुध तो स्थिति पता चली
⚫ हैंडपंप और नलकूप को चाहिए मोटर लेकिन विभाग के पास उपलब्ध नहीं
⚫ अप्रैल बीतने को आया मगर 200 मोटर्स अब तक नहीं आई
⚫ वैकल्पिक व्यवस्था करने के दिए कलेक्टर ने निर्देश
हरमुद्दा
रतलाम, 24 अप्रैल। जिले के आदिवासी अंचल बाजना क्षेत्र के लोग पेयजल के लिए परेशान हो रहे हैं, लेकिन विभाग ने अभी तक कोई तैयारी नहीं की है। विभाग अभी भी लघु उद्योग निगम की राह ताक रहा है, जब वहां से मोटर आएगी, तब नलकूप और हैंडपंप पर लगेगी। तब जाकर आदिवासियों के गले तर होंगे। जबकि अप्रैल माह बीतने को है। विभाग को यह तैयारी फरवरी में ही कर लेना चाहिए थी। जबकि पेयजल की सर्वाधिक परेशानी आदिवासी अंचल में ही आती है।
सोमवार को कलेक्टर ने जब जिले में पेयजल की स्थिति पर जिम्मेदार मैदानी अधिकारियों से जानी तो बाजना की स्थिति से पर्दा हटा। एसडीएम सैलाना ने बताया कि बाजना क्षेत्र में पेयजल के लिए परेशानी हो रही है। हैंडपंप और नलकूप को मोटर चाहिए।
जिम्मेदार का टका सा जवाब “जब मोटर आएगी तब लगाई जाएगी”
इस पर जब कलेक्टर ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री को निर्देशित किया कि बाजना क्षेत्र में तत्काल नई मोटर्स पहुंचाई जाए, तो उन्होंने टका सा जवाब दे दिया करीब 200 नई मोटर आने वाली है जैसे आएगी उन्हें लगाया जाएगा।
किसी भी स्थिति में ग्रामीणों को नहीं हो दिक्कत
यह जवाब सुनकर कलेक्टर ने निर्देशित किया कि जब तक लघु उद्योग निगम से मोटर प्राप्त नहीं होती, तब तक अन्य स्थानों से वैकल्पिक व्यवस्था की जाए, परंतु किसी भी हालत में ग्रामीणों को पेयजल की दिक्कत नहीं आने दी जाए।
सीईओ को दिए सतत मॉनिटरिंग के निर्देश
कलेक्टर ने सीईओ जिला पंचायत को निर्देशित किया गया कि पेयजल व्यवस्था की सतत मॉनिटरिंग करें। इस संबंध में हरदिन प्रत्येक एसडीएम से बात करें।