धर्म संस्कृति : धर्म और देश एक-दूसरे के पूरक, दोनों का होना जरूरी, देश, पृथ्वी, गाय, गंगा को मां मानने और सम्मान देने की रखें प्रवृत्ति
⚫ महामण्डलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंदजी सरस्वती ने कहा
⚫ चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं श्री हरिहर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ का तीसरा दिन
⚫ ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा ने किया शुभारम्भ
हरमुद्दा
रतलाम, 31 मई। इस देश में रहना है, तो धर्म को मानने वाले बने। पृथ्वी, गाय, गंगा को मां मानने की प्रवृत्ति रखे। देश को सम्मान देने की प्रवृत्ति हो। यदि आपके अंदर यह प्रवृत्ति नहीं है, तो आप देश में रहने लायक नहीं है। लोग इस बात में उलझते है कि धर्म बड़ा या देश, लेकिन वास्तव में दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं। हमारे जीवन में दोनों का होना जरूरी है।
यह उदगार महामंडलेश्वर स्वामी श्री चिदम्बरानंद सरस्वतीजी महाराज ने व्यक्त किए। बरवड़ स्थित विधायक सभागृह में चेतन्य काश्यप फाउंडेशन एवं श्री हरिहर सेवा समिति द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञानयज्ञ में तीसरे दिन की कथा का शुभारंभ फाउंडेशन अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप ने पूजा-अर्चना कर किया।
अतिथियों ने लिया स्वामी जी से आशीर्वाद
कथा में मुख्य अतिथि ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना और भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा रहे। उन्होने स्वामीजी का अभिनंदन कर आशीर्वाद लिया। कथा के पूर्व विभिन्न धार्मिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों द्वारा स्वामी जी का स्वागत अभिनंदन किया गया। इस दौरान मोहनलाल भट्ट, मनोहर पोरवाल, निर्मल लुनिया, गोविंद काकानी, ताराबेन सोनी, राखी व्यास, निशा सोमानी, देवश्री पुरोहित, अनिता वसावा, अनिता कटारा सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।
लोग लगे हैं भ्रम फैलाने में वह सावधान
स्वामीजी ने कहा कि वर्तमान में लोग भ्रम फैलाने में लगे है। इसमें सोशल मीडिया की बड़ी भूमिका है। हम जो भी कहे हमारी कोई नहीं सुनता, क्योकि आजकल सोशल मीडिया का चलन हो गया है। हनुमान जयंती को लेकर भी किसी ने भ्रम फैलाया कि यह जयंती नहीं जन्मोत्सव है लेकिन शास्त्रों में इसका कोई उल्लेख नहीं है। शास्त्रों के अनुसार जयंती ही होती है, इसलिए वर्तमान समय में कोई भी मैसेज आए, तो उसकी प्रामाणिकता पता कर लेना चाहिए। सत्य वहीं होता है, जो शास्त्रों में है। उन्होने कहा कि परमात्मा कोई भेद नहीं करता है। परमात्मा एक ही होता है। उसके कोई रूप नहीं है। वह आपकी प्रवृत्ति के अनुसार अवतरण लेता है। परमात्मा को जानने के लिए अध्ययन कीजिए। शास्त्रों का, पुराणों का, जैसे-जैसे जानोगे, वैसे-वैसे परमात्मा आपको समझ में आते जाऐंगे। स्वामीजी ने कहा दूसरों की भलाई से बड़ा धर्म नहीं है। धर्म की तो परिभाषा ही यही है। संसार में दूसरों के काम आने की प्रवृत्ति धर्म ही सिखाता है।
प्रत्येक कार्य करने के लिए विधायक तत्पर : लुनेरा
मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष राजेंद्रसिंह लुनेरा ने इस मौके पर कहा कि विधायक काश्यप जी के माध्यम से पूरा रतलाम धर्ममय हो रहा है। वे प्रत्येक क्षेत्र में कार्य करने के लिए सदैव तत्पर रहते है। खेल, शिक्षा, समाज और धर्म के क्षेत्र में उनके कार्य अभिनंदनीय है। ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना ने कहा कि स्वामी जी के मुखारविंद से कथा श्रवण करना हमारे लिए सौभाग्य की बात है। विधायक काश्यप जी की धर्म के प्रति बड़ी आस्था है। वे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास कर रहे है।
सामाजिक संस्थाओं ने किया अभिनंदन
कथा के तीसरे दिन स्वामी जी का स्वागत श्री दामोदर वंशीय जूना गुजराती दर्जी समाज, आर.एम.पी. डॉक्टर एसोसिएशन, श्री कसेरा सुधा समाज, श्री महावीर स्वामी जैन फाउंडेशन, भाजपा अंबेडकर मंडल के अध्यक्ष एवं पदाधिकारी, श्री जगन्नाथ रथ यात्रा उत्सव समिति एवं पंचेश्वर महादेव थावरिया बाजार, जीव दया समिति, प्रभु प्रेमी संघ, समन्वय परिवार, चिंतामन गणेश मंदिर समिति पैलेस रोड, तुलसी परिवार, रामजी राम भगवत कथा समिति, श्री राजपूत नवयुवक मंडल, रतलाम लॉ कॉलेज की ओर से ट्रस्टी अध्यक्ष एवं विधायक चेतन्य काश्यप, झालानी परिवार, मानव सेवा समिति सहित विभिन्न सामाजिक एवं धार्मिक संगठनों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया।