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साहित्य सरोकार : “मुझको ए मेरे मालिक ऐसा नसीब देना, मर जाऊं तो मिले बस हिंदोस्तां की मिट्टी”, पर मिली खूब दाद

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मध्यप्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद संस्कृति विभाग के बैनर तले आयोजन

जननायक, समाजसेवी, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्व.चांदमल की स्मृति में स्मृति प्रसंग एवं रचना पाठ आयोजित

⚫ साहित्यकार तैयार करना उर्दू अकादमी का उद्देश्य

हरमुद्दा
शाजापुर, 12 जून। मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी, संस्कृति परिषद, संस्कृति विभाग के तत्वावधान में जिला अदब गोशा शाजापुर एवं आगर-मालवा द्वारा सिलसिला एवं तलाशे जौहर के तहत स्व. चांदमलजी राम की स्मृति में स्मृति प्रसंग एवं रचना पाठ का आयोजन स्थानीय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय सभागार में किया गया। साजिद हाशमी राजगढ़ ने “मुझको ए मेरे मालिक ऐसा नसीब देना, मर जाऊं तो मिले बस हिंदोस्तां की मिट्टी” शेर पढ़कर खूब दाद बटौरी।

मध्य प्रदेश उर्दू अकादमी

प्रतियोगियों को किया पुरस्कृत

जिला समन्वयक अमन जादौन के सहयोग से हुआ आयोजन में स्मृति प्रसंग एवं रचना पाठ दो सत्रों पर आधारित था। प्रथम सत्र में शाम 5 बजे तलाशे जौहर प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें जिले के नये रचनाकारों ने तात्कालिक लेखन प्रतियोगिता में भाग लिया। निर्णायक मंडल के रूप में उज्जैन के वरिष्ठ शायर हमीद गौहर एवं राजगढ़ के वरिष्ठ शायर साजिद हाशमी मौजूद रहे। जिन्होंने प्रतिभागियों शेर कहने के लिए दो तरही मिसरे दिए जो इस प्रकार थे – चाहते हो अगर मखमली जिंदगी, जब कोई दूसरा नहीं होता। उपरोक्त मिसरों पर नए रचनाकारों द्वारा कही गई गजलों पर एवं उनकी प्रस्तुति के आधार पर निर्णायक मंडल के संयुक्त निर्णय से सौरभ मीणा ने प्रथम, अंकित परमार ने द्वितीय एवं विशाल माहेश्वरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

स्व. चांदमल जी राम का जीवन स्वयं एक प्रेरणा : पूर्व विधायक

दूसरे सत्र में शाम 7 बजे सिलसिला के तहत स्मृति एवं रचना पाठ का आयोजन हुआ जिसकी अध्यक्षता मशहूर शायर बेतकल्लुफ शाजापुरी ने की। इस सत्र के प्रारंभ में पूर्व विधायक एवं वरिष्ठ समाजसेवी पुरुषोत्तम चन्द्रवंशी ने स्व. चांदमल जी राम के व्यक्तित्व एवं सामाजिक सेवा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बड़े हर्ष का विषय है की उर्दू अकादमी के द्वारा शाजापुर के महान जननायक, समाजसेवी, युवाओं के प्रेरणास्रोत स्व श्री चांदमल जी राम की स्मृति आज यह साहित्यिक आयोजन किया जा रहा है, स्व. चाँदमल जी राम का जीवन स्वयं में एक प्रेरणा है, उनकी याद में यह कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मैं उर्दू आकदमी को साधुवाद देता हूँ, वक्ता चिन्टु आगा ने कहा कि ऐसे आयोजन सहित्य और समाज को सही दिशा देने के लिए बहुत जरूरी हैं।

इन्होंने किया रचना पाठ

रचना पाठ में बेतकल्लुफ शाजापुरी ने शेर पढ़ा फूल जाते है जरा सी बात पर, क्या चने की दाल जैसे लोग है। साजिद हाशमी राजगढ़ ने मुझको ए मेरे मालिक ऐसा नसीब देना, मर जाऊं तो मिले बस हिंदोस्तां की मिट्टी शेर पढ़कर खूब दाद बटौरी। हमीद गौहर, साजिद वारसी, पंकज पलाश, हनीफ राही, मशहूर शाजपुरी, अनुराग अर्श, अर्पित शर्मा ने रचनापाठ किया।

रचनाकारों से सकारात्मक साहित्य सृजन का आह्वान

उर्दू अकादमी की निदेशक डॉ. नुसरत मेहंदी ने कार्यक्रम की उपयोगिता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि उर्दू अकादमी का उद्देश्य केवल गतिविधियों और कार्यक्रमों का आयोजन करना नहीं है बल्कि इनके माध्यम से नए साहित्यकार तैयार करना है। साथ ही स्थापित एवं वरिष्ठ रचनाकारों का आह्वान करना भी है कि वे सकारात्मक साहित्य सृजन करें और राष्ट्र के निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। इसी उद्देश्य के तहत अकादमी ने शाजापुर में सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले स्व. श्री चांदमल जी राम की याद में कार्यक्रम आयोजित किया है। कार्यक्रम का संचालन जिला समन्वयक श्री जादौन ने किया।

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