धर्म संस्कृति : श्रीमद् विजय रामचंद्र सूरिश्वर जी महाराज की 32 वीं पुण्यतिथि पर तीन दिवसीय महोत्सव मनाया उत्साह और उमंग के साथ
⚫ शहर में निकला भव्य चल समारोह, ऊंट घोड़े हुए शामिल
⚫शामिल महिलाओं के हाथों की तख्तियां दे रही थी धर्म संदेश
⚫ गुरुदेव कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने कहा अपने सिद्धांतों पर जीवन पर्यंत रहे वे अडिग
हरमुद्दा
रतलाम 17 जुलाई। सूरिसम्राट दीक्षा दानेश्वरी परम पूज्य गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद् विजय रामचंद्र सूरिश्वर जी महाराज की 32 वीं पुण्यतिथि तीन दिवसीय महोत्सव धार्मिक उमंग एवं उल्लास के साथ मनाया गया शहर में चल समारोह निकाला गया जिसमें ऊंट घोड़े शामिल हुए महिलाएं हाथों में संदेश पत्रिका लेकर चल रही थी जोकि सबक सिखा रही थी। अश्वारोही ध्वज पताका लहरा रहे थे।
आराधना भवन जैन संघ अध्यक्ष अशोक लुनिया एवं सचिव हिम्मत गेलड़ा ने हरमुद्दा को बताया चातुर्मास के लिए विराजित परम पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. की निश्रा में तीन दिवसीय महोत्सव धर्ममय वातावरण में संपन्न हुआ।
भव्य रथयात्रा में गहुलीकर लिया आशीर्वाद
महोत्सव में अंतिम दिन सुबह आराधना भवन पोरवाडों का वास से पूज्य गणिवर्य कल्याणरत्न विजय जी म. सा. की निश्रा में भव्य रथ यात्रा निकाली गई। रथयात्रा के आगे इंद्रध्वजा चल रही थी। युवक ऊंट एवं अश्व पर धर्म पताका लहरा रहे थे। उनके पीछे आराधना भवन महिला मंडल के श्राविकाएं सुंदर परिधान में धार्मिक संदेश की पट्टिकाएं लेकर चल रही थी। परम पूज्य गच्छाधिपति रामचंद्र सुरीश्वर जी महाराजा की तस्वीर सुसज्जित बैलगाड़ी में आकर्षण का केंद्र रही। जगह-जगह भक्त जनों द्वारा प्रभु एवं गुरुदेव की गहुलीकर आशीर्वाद प्राप्त किया। आदिवासी ढोलक मंडली एवं सुमधुर बैंड मधुर स्वर लहरियां बिखेर रही थी। पूज्य गुरुदेव के विशाल परिवार के पीछे सैकड़ों की संख्या में समाज जन जय जय कार के नारे लगाते रहे।
विभिन्न मार्गो से निकली भव्य रथयात्रा के समापन पर हुई धर्मसभा
पूर्व गृहमंत्री हिम्मत कोठारी, पूर्व महापौर पारस सकलेचा, विभिन्न संघों एवं संगठनों के पदाधिकारी ने रथयात्रा में अपनी सहभागिता प्रदान की। रथयात्रा आराधना भवन से घास बाजार, माणकचौक, न्यू क्लॉथ मार्केट, बजाज खाना, चांदनी चौक, चौमुखी पुल होते हुए आत्म कल्याणकारी प्रवचन उत्सव स्थल हनुमानरुंडी पर पहुंचकर धर्मसभा में परिवर्तित हो गई। सर्वप्रथम सभी ने पूज्य गुरुदेव को वंदन किया। अमृत जैन द्वारा सुंदर स्तवन की प्रस्तुति की गई। परम पूज्य आचार्य देव की तस्वीर पर गुरु पूजन का लाभ चंद्रवीर परिवार की ओर से संजय भंवरलाल भंडारी परिवार द्वारा लिया गया। चंद्रवीर परिवार के सदस्यों द्वारा गुरु पूजन किया गया।
अभिनंदन पत्र भेंट कर किया बहुमान
रथयात्रा, स्वामी वात्सल्य, जिन मंदिरों पर प्रभु अंग रचना एवं संध्या प्रभु भक्ति के लाभार्थी चांदमल विमलाबाई लुक्कड परिवार के राजकुमार एवं धर्मेंद्र लुक्कड का बहुमान आराधना भवन के ट्रस्टीगण अशोक लुनिया, पप्पू बम्बई वाला, हिम्मत गेलड़ा, राजेश गांधी, राकेश सकलेचा, राजेंद्र लुनिया, अमृत जैन, पारस मूणत, विजय मेहता, जीवन पितलिया एवं विनोद मूणत ने शाल श्रीफल व रजत मुद्रिका एवं अभिनंदन पत्र भेंट देकर बहुमान किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन पप्पू मुंबई वाला ने किया।
सेवा समिति के सदस्यों का किया सम्मान
आराधना भवन सेवा समिति के जयंतीलाल कटारिया, नरेंद्र घी वाला, सुनील पारख, संजय पारख, शैलेंद्र कोठारी, हेमंत गेलड़ा, शिवलाल बंबोरी, कमल मूणत, मांगीलाल भंडारी, अमित कोठारी, मुकेश गांधी, अरुण धामनोद वाला, रखब हरनिया व सुजान रांका ने भी लाभार्थी चांदमल विमलाबाई लुक्कड परिवार का शाल श्रीफल व अभिनंदन पत्र देकर सम्मानित किया गया। अभिनंदन पत्र का वाचन संजय पारख द्वारा किया गया। इस अवसर पर लाभार्थी लुक्कड परिवार द्वारा आराधना भवन जैन श्रीसंघ अध्यक्ष अशोक लुनिया का बहुमान किया गया।
महात्मा गांधी और सरदार पटेल भी मानते थे उनकी दीर्घ दृष्टि का लोहा : गुरुदेव कल्याणरत्न विजय जी म. सा.
परम पूज्य गुरुदेव कल्याणरत्न विजय जी म. सा. ने गुणानुवाद करते हुए फरमाया कि रामचंद्र सुरीश्वर जी महाराजा पूरी तरह से शासन की सेवा में समर्पित थे। उनकी दीर्घदृष्टि का लोहा महात्मा गांधी एवं सरदार वल्लभभाई पटेल भी मानते थे। उनके विचारों एवं सिद्धांतों की किसी के पास काट नहीं थी। जीवन काल में उनके ऊपर अनेकों संकट आए एवं पैदा किए गए ,लेकिन उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। पूरी तरह से अपने सिद्धांतों पर अडिग रहें। अंत में सत्य की हमेशा जीत होती रही।
तीन दिवसीय महोत्सव की सफलता पर माना आभार
तीन दिवसीय महोत्सव को सफल बनाने में आराधना भवन ट्रस्ट, आराधना भवन सेवा समिति, चंद्रवीर परिवार एवं आराधना भवन के सभी महिला मंडल के प्रति आभार व्यक्त किया गया। दोपहर को सुबुध्दि महिला मंडल द्वारा आराधना भवन में पूजन पढ़ाई गई एवं संध्या को गुजराती जैन मंदिर पर भव्य सजावट के साथ संध्याप्रभु भक्ति का अनेक लोगों ने धर्म लाभ प्राप्त किया। संचालन सचिव हिम्मत गेलड़ा द्वारा किया गया।