साहित्य सरोकार : हवा में घुलते हुए ज़हर एवं परिंदों के दर्द को अपनी रचना में बांधकर सुनाया रचनाकारों ने
⚫ अखिल भारतीय साहित्य परिषद का हुआ मिलन समारोह
हरमुद्दा
रतलाम, 17 अगस्त। अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा आजादी के पावन अवसर पर काव्य गोष्ठी का आयोजन साहित्यिक मिलन समारोह के रूप में किया गया। रचनाकारों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया।
अखिल भारतीय साहित्य परिषद रतलाम इकाई के महामंत्री प्रकाश हेमावत ने बताया कि आयोजन में जुझार सिंह भाटी ने सरस्वती वंदना पढ़कर कार्यक्रम का आगाज किया।अकरम शेरानी ने अपने शायराना अंदाज में तिरंगे को सलामी देते हुए मोहब्बत का पैगाम दिया। सुरेश माथुर, दिनेश बारूद, रामचंद्र गहलोत, जुझार सिंह भाटी ने तिरंगे के मान, सम्मान और स्वाभिमान की गाथा गीतों के माध्यम से सुनाई। संजय परसाई, रामचंद्र कुमार, डॉ मोहन परमार, गीता दुबे, सुभाष यादव, योगिता राजपुरोहित ने पर्यावरण पर केंद्रित रचना में हवा में घुलते ज़हर एवं परिंदों के दर्द को अपनी रचना में बांधा।
सतीश जोशी, हरिशंकर भटनागर, वैदेही कोठारी, यशपाल सिंह तंवर, श्याम सुंदर भाटी, इंदु सिन्हा, प्रकाश हेमावत, मुकेश सोनी ने वर्तमान हालातों के विभिन्न पक्षों को अपनी रचना के माध्यम से व्यक्त किया। संचालन हेमावत ने किया। आभार दिनेश बारोट ने माना।