अनुकरणीय संवेदनशीलता : वह कर रहे थे निरीक्षण, दिखी उन्हें बुजुर्ग की परेशानी, बुजुर्ग की नजरे जता रही थी हैरानी, न्याय के लिए इतनी आसानी
⚫ तत्काल बुलवाई व्हीलचेयर
⚫ समस्या को जाना
⚫ संवेदनशीलता के साथ शुरू करवाया कार्य
⚫ बुजुर्ग के पास है 35 बीघा जमीन लेकिन कागजात बैंक में
हरमुद्दा
रतलाम, 11 सितंबर। न्याय की आस में बुजुर्ग न्यायालय में बैठा हुआ था, तभी न्यायाधीश की नजर बुजुर्ग पर पड़ी। चलने में असमर्थ नजर आए तो तत्काल व्हीलचेयर बुलवाई। बुजुर्ग को संबंधित के पास भेजा। बुजुर्ग के पास 35 बीघा जमीन हैं, लेकिन कागजात बैंक में है। समस्याओं को जाना और न्याय के लिए रास्ता आसान किया। बुजुर्ग की नजरे हैरानी जता रही थी। न्याय के लिए इतनी आसानी होती है।
यह सब हुआ सोमवार को जिला न्यायालय में। विधिक सेवा प्राधिकरण के प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष राकेश मोहन प्रधान न्यायालय में अवलोकन कर रहे थे, तभी
एक 90 वर्षीय बुजुर्ग को देखा जो कि चलने-फिरने में असमर्थ था। जब पूछा तो अपना नाम कोदर पिता नानूराम बताया।
बुजुर्ग के मुद्दे को लिया संवेदनशीलता के साथ
बुजुर्ग ने बताया कि न्यायालय में अपने जमीन के मुदकमे में कार्रवाई चाह रहे थे। बुजुर्ग के इस मुद्दे को श्री प्रधान ने अत्यंत संवेदनशीलता से लिया। तत्काल एडीआर सेंटर से व्हील चेयर मंगाकर बुजुर्ग को उपलब्ध कराई गई। इसके पश्चात् उनके प्रकरण की जानकारी ली गई।
बुजुर्ग के पास है 35 बीघा जमीन लेकिन कागजात बैंक में
प्रकरण को प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता के लिए एडीआर को निर्देशित किया गया। बुजुर्ग ने बताया कि उसके परिवार में कोई भी नहीं है और वह बिल्कुल अकेले हैं। उनकी 35 बीघा कृषि भूमि ग्राम गूजरपाड़ा एवं पलाश की सीमा में है। जमीन पर त्रृण लेने के कारण भूमि संबंधी दस्तावेज भी बैंक के पास जमा हैं।
संबंधित को भिजवाई सूचना
बुजुर्ग आवेदक कोदर ने अनावेदक के विरूद्ध कार्रवाई करने के लिए आवेदन पत्र प्रस्तुत किया। जिस पर त्वरित कार्रवाई की गई। संबंधित अनावेदक को प्री-लिटिगेशन मध्यस्थता के लिए उपस्थित रहने की सूचना भिजवाई गई।
यह थे मौजूद
कार्रवाई के दौरान अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष राजीव उबी भी उपस्थित रहेे। समस्त कार्रवाई नालसा (वरिष्ठ नागरिकों के लिए विधिक सेवाएं) योजना, 2016 के अंतर्गत की गई। इस कार्रवाई पर खुश होकर बुजुर्ग ने जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष के प्रति आभार जताया।