साहित्य सरोकार : देश और संस्कृति का गौरव है हिन्दी
⚫ संयुक्त आयुक्त विकास प्रतीक सोनवलकर ने कहा
⚫ स्व. पं. अरुण भार्गव स्मृति हिन्दी प्रचार समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका ”राष्ट्र भाषा हिन्दी : महिलाओं का योगदान” का हुआ विमोचन
⚫ भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को किया पुरस्कृत
⚫दुनिया की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है हिंदी : डॉ. पूर्णिमा शर्मा
हरमुद्दा
रतलाम, 14 सितंबर। देश का गौरव हिन्दी भाषा ही बढ़ाती है। इस बात को हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने बहुत पहले ही समझ लिए लिया था। इसीलिए अहिन्दी भाषी होते हुए भी महात्मा गाँधी, बालगंगाधर तिलक, रवीन्द्रनाथ टैगोर आदि महापुरुष हिन्दी भाषा का पूरा सम्मान करते हुए, उसे राष्ट्र भाषा के रूप में देखना चाहते थे। राष्ट्रभाषा के विकास में महिलाओं का बहुत बड़ा योगदान है। मीराबाई से लेकर महादेवी वर्मा सहित आधुनिक महिला साहित्यकार अपनी लेखनी से देश – विदेश में हिन्दी भाषा का सम्मान बढ़ा रहे हैं।
यह विचार संयुक्त आयुक्त विकास प्रतीक सोनवलकर ने व्यक्त किया। श्री सोनवलकर स्थानीय उत्कृष्ट विद्यालय के सभागृह में स्व. पं. अरुण भार्गव स्मृति हिन्दी प्रचार समिति रतलाम द्वारा हिन्दी दिवस पर समिति द्वारा प्रकाशित स्मारिका “राष्ट्र भाषा हिन्दी : महिलाओं का योगदान” का विमोचन समारोह मैं बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
भारतीय संस्कारों की संवाहक है हिंदी
अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य सुभाष कुमावत ने कहा कि हिन्दी भाषा भारतीय संस्कारों की संवाहक है। सच बात तो यह है, कि नारी शक्ति ही मातृभाषा के द्वारा अपने बच्चे में भारतीय संस्कृति के संस्कार डालती है। वह मातृभाषा भले ही बोली हो पर हिन्दी भाषा ही होती है।
किताबें पढ़ने की आदत डालना बच्चों में जरूरी
वरिष्ठ रंगकर्मी ओ. पी. मिश्र ने कहा कि बच्चों को किताबें पढ़ने की आदत डालना चाहिए। पढ़ने से ही उच्चारण सुधरता है। हिन्दी में निखार आता है। समाज की समझ विकसित होती है। समझ से बच्चे का सर्वागीण विकास संभव होता है।
दुनिया की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा है हिंदी
विशेष वक्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. पूर्णिमा शर्मा ने कहा कि संसार की सर्वाधिक वैज्ञानिक भाषा हिन्दी ही है। हिन्दी को लेकर आज की पीढ़ी में जो संकीर्णता है उसे निकालने की आवश्यकता है। क्योंकि हिन्दी भाषा के बल पर ही हम अपनी पहचान स्थापित कर सकते हैं। हिन्दी भाषा में रोजगार के अपार अवसर हैैं।
भाषण प्रतियोगिता की विजेताओं को किया पुरस्कृत
इस अवसर पर आयोजित जिला स्तरीय भाषण प्रतियोगिता का शीर्षक था “नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन में हिन्दी का योगदान” विषय पर समता शिक्षा निकेतन की कु. लेखनी ने प्रथम, गुजराती समाज उमा. वि. की कु. माहेनूर ने द्वितीय तथा अंग्रेजी माध्यम गुजराती स्कूल की कु. शहनाज खान ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी प्रतियोगियों को अतिथियों द्बारा पुरस्कृत किया गया।
शैलेंद्र भट्ट की सरस्वती वंदना ने कर दिया मंत्र मुग्ध
कार्यक्रम का शुभारम्भ माता सरस्वती व स्व. प. अरुण भार्गव के चित्रों पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर इन्दौर से पधारे पं. शैलेन्द्र भट्ट ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वागत भाषण व कार्यक्रम की जानकारी सहायक सम्पादक दिलीप पवार ने प्रस्तुत की।
किया अतिथियों का स्वागत
अतिथियों का पुष्पहारों व शाल श्रीफल से आत्मीय अभिवादन डॉ. मुनीन्द्र दुबे, दिलीप पवार, विनोद शर्मा, सीमा भार्गव, एम. एल. नगावत, रणजीतसिंह राठौर, हेमंतसिंह राठौर, रजनीश चौहान, राजीव लवानिया, निर्मल सिंह, रहीस खान, आसिफ खान, संजय मेहता, देवीलाल गेहलोत, हीरालाल खराडी, पिंकी यादव, अंजुम खान, अशोक मेहता, बाबूलाल परमार, जितेन्द्र सिंह पथिक, दिनेश बारोठ, विनिता ओझाआदि ने किया। संचालन जुबैर आलम कुरैशी व नरेन्द्र सिंह पंवार ने किया। आभार विनोद शर्मा ने व्यक्त किया।