सामाजिक सरोकार : एक से बढ़कर एक मराठी एवं हिंदी भजन, गजल, गीतों की हुई उम्दा प्रस्तुति
⚫ शास्त्रीय गायन की सुमधुर प्रस्तुति ने मनमोहा
⚫ महाराष्ट्र समाज का 94 वा सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव
⚫इंदौर के कलाकर अनुजा वालुंंजकर और चेतना खले तवकर ने बांधा समां
हरमुद्दा
रतलाम, 20 सितंबर। नैनो मे बदरा छाए, म्हारे घर आओ जी, वंदे गणपतिम् इशं , तुझ मागतो मी आता ,केव्हा तरी पहाटे, मी राधिका मी प्रेमिका, तन मन तोरे वारु,राग भीम पलासी मे बंदिश जा जा रे अपने मंदिरवा, राग रागेश्री, राग कलावती, मराठी अभंग, सहित एक से बढ़कर एक मराठी एवं हिंदी भजन, गजल, गीतों की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अवसर था स्टेशन रोड स्थित महाराष्ट्र समाज द्वारा मनाए जा रहे सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव का। समाज के किशोर जोशी ने हरमुद्दा को बताया कि महाराष्ट्र समाज द्वारा मनाए जा रहे 94 वा सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव आयोजन के अंतर्गत गत रात्रि को स्वरगंध कार्यक्रम में इंदौर से पधारे कलाकर अनुजा वालुंंजकर, चेतना खले तवकर ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर समा बांध दिया। तबला पर पवन सेन, हारमोनियम पर रोहित परिहार (रतलाम) ने संगत दी।
पूजा अर्चना से कार्यक्रम की हुई शुरुआत
कार्यक्रम के प्रारंभ में भगवान श्री गणेश जी की पूजा अर्चना की गई। कलाकारों का स्वागत शारदा महिला मंडल सचिव वैशाली बोरगांवकर, प्रियंका झारे, सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव समिति सचिव अरविंद डबीर, कोषाध्यक्ष संदीप नारले ने किया। संचालन कल्पना पोटाडे़ एवं संध्या सराफ ने किय। आभार सार्वजनिक श्री गणेशोत्सव समिति अध्यक्ष सुनील पुरंदरे ने माना।