मावठे ने ठिठुराया : मौसम ने ठिठुराया, ढाई घंटे में 18 मिलीमीटर बारिश, रविवार को “रवि” ने मनाई छुट्टी
⚫ बादलों का रहा कब्जा, छाया अंधेरा
⚫ दिन के पारे में हुई 5.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट
⚫ रात के पारे में हुई 1.6 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी
⚫ उठाया गरमा गरम व्यंजनों का लुत्फ़
⚫ रबी फसल के लिए मावठा लाभकारी
हरमुद्दा
रतलाम, 26 नवंबर। प्रदेश के कई जिलों के साथ ही रतलाम में भी मौसम का पहला मावठा गिरा। ढाई घंटे में 18 मिलीमीटर बारिश हुई। दिन के पारे में 5.6 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई। ठंड भी लगने लगी। बच्चे और बड़े सभी दिनभर गर्म वस्त्रों में दिखे। मौसम में हुए बदलाव के बाद रविवार को लोगों ने गरमा गरम व्यंजन जलेबी, गराडू और भजिए का लुत्फ उठाया।
रविवार को सुबह से ही रतलाम का मौसम वातावरण में ठंडक लिए हुए था। सुबह से ही बादलों का कब्जा रहा। इसके चलते सूर्यनारायण के दर्शन नहीं हुए। भास्कर ने रविवार को छुट्टी मनाई। जैसे-जैसे समय बीतता गया वैसे-वैसे बादलों की भरमार होती गई। दोपहर 2:30 बजे एकाएक तेज बारिश शुरू हुई जो की समाचार लिखने तक हल्की-हल्की चल रही थी। मौसम विभाग में शाम 5:00 बजे तक की बारिश को 18 मिलीमीटर दर्ज किया है।
सड़कों पर बह निकला पानी
कहीं-कहीं तेज वर्षा से सड़कों पर पानी बह निकला, वहीं हिम्मतनगर क्षेत्र में जलजमाव की स्थिति भी निर्मित हो गई। समाजसेवी गोपाल सोनी ने बताया कि सड़क नहीं बनने के कारण परेशानी होती रहती है। प्रगतिशील काश्तकार सतीश राठौर ने बताया कि मावठे से रबी सीजन की प्रमुख गेहूं-चना फसल को लाभ होगा।
दिन के पारे में हुई 5.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट
शहर में शनिवार को अधिकतम तापमान जहां 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, वहीं रविवार को 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ। इस तरह 1 दिन में 5.6 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की गई। लेकिन शुक्रवार को जहां न्यूनतम तापमान 14.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था, वहीं शनिवार रात का तापमान 16.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ जो की 1.6 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
जलेबी, गराडू, भजिए का उठाया लुत्फ
मौसम में एकदम आए बदलाव के चलते शहरवासी शॉल, स्वेटर, मफलर और टोपे में आ गए। इतना ही नहीं मौसम के मिजाज को बदलते देख स्वादु रतलामियों की जीभ भी सक्रिय हो गई। गरमा गरम व्यंजनों की ओर लप-लपाने लगी। जलेबी, गराडू भजिए का लुत्फ उठाया। छुट्टी के चलते घरों में भी भजिए और चाय का दौर चलता रहा।
फोटो : राकेश पोरवाल