खण्डग्रास चंद्र ग्रहण: 17 जुलाई रात को, राशियों पर असर, सेहत के लिए मान्यताओं को माने

हरमुद्दा
रतलाम, 15 जुलाई। गुरु पूर्णिमा पर खण्डग्रास चंद्र ग्रहण रात को एक बज कर 32 मिनट पर शुरू होगा और मोक्ष 4 बजकर 30 मिनट पर होगा। ग्रहण का वेद मंगलवार को अपराह्न 4 बजकर 32 मिनट पर शुरू होगा। शास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण का वेद नौ घंटे पहले लगता है। आमजन की राशियों पर भी असर होगा।

यह बात ज्योतिर्विद अजहर हाशमी ने “हरमुद्दा” से

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खास चर्चा में कही। श्री हाशमी ने बताया कि खण्डग्रास चंद ग्रहण 17 जुलाई को रात 1:32 मिनट पर शुरू होगा और सुबह 4:30 तक रहेगा। इस प्रकार ग्रहण का समय दो घंटे अठावन मिनट रहेगा। शाम को मंदिरों के पट नहीं खुलेंगे।

अधिकांश राशियों के लिए बेहतर
श्री हाशमी ने बताया कि 12 राशियों में से 5 राशियों के लिए शुभ है, वहीं तीन राशियों के लिए मध्यम, दो राशियों के लिए संतोषप्रद तथा दो राशियों के लिए चिंता कारक है।

इनके लिए शुभकारी
जिनकी राशि मेष, कर्क, तुला, कुंभ व मीन है, उनके लिए शुभ फलदायी है। उत्तम रहने के साथ ही इन राशि के व्यक्तियों को धन वृध्दि, यश, मान, जय व सफलता मिलेगी।

इनके लिए मध्यम
जिन व्यक्तियों की राशि सिंह, कन्या और वृश्चिक हैं, उनके लिए ग्रहण का असर मध्यम फलदायी है। इन राशि वालों की साख बढ़ेगी और स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

इनके लिए संतोषप्रद
जिन व्यक्तियों की राशि वृषभ व मिथुन है। उनके लिए संतोषप्रद रहेगा। इन राशि के व्यक्तियों को नवीन पद मिलने की संभावना रहेगी किंतु स्वास्थ्य थोड़ा गड़बड़ रहेगा।

इनके लिए थोड़ी होगी चिंता
जिन की राशि धनु और मकर है, उनको चिंता रहेगी। मानसिक अशांति के साथ ही पारिवारिक कलह, धन की हानि और रोग होने की आशंका बनी रहेगी।
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यह है खगोलीय घटना
व्याख्याता गजेन्द्रसिंह राठौर ने बताया कि चंद्र ग्रहण तब लगता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है और अपने उपग्रह चंद्रमा को अपनी छाया से ढक लेती है। चंद्रमा इस स्थिति में पृथ्वी की ओट में पूरी तरह छिप जाता है और उस पर सूर्य की रोशनी नहीं पड़ती। पृथ्वी की प्रच्छाया उस पर पड़ने लगती है, जिससे उसका दिखना बंद हो जाता है। इसी खगोलीय घटना को चंद्रग्रहण कहा जाता है।

आमजन यह करें उपाय
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कुश या तुलसी रखें सभी दूर
गृहणी उषा जोशी का कहना है कि मान्यता है ग्रहण के दौरान अगर पानी पीने की जरूरत है तो उसमें या तो तिल डाल लें या फिर कुश, दूब या तुलसी के पत्ते जरूर डाल लें। ज्यादातर हिंदू घरों में वेद प्रारंभ होने से पहले खाद्य वस्तुओं के अलावा अन्य सामान, पानी और अन्य भोजन सामग्री में कुश, दूब या तुलसी की पत्तियां डाल दी जाती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से खाना अशुद्ध नहीं होता। ग्रहण का प्रभाव नहीं होता।

ऐसा भी करना चाहिए
कहते हैं कि चन्द्र ग्रहण के 9 घण्टे पहले कुछ भी खाद्य सामग्री नहीं खाना चाहिए। हिंदू मान्यता के अनुसार चंद्रग्रहण के दौरान भोजन नहीं करना चाहिए। यह मान्यता है कि इस दौरान भोजन करने वाला नर्क में जाता है।

शुद्धीकरण जरूरी
चंद्र ग्रहण के बाद किसी भी काम को करने से पहले स्नान करना चाहिए। ग्रहण के बाद घर की साफ-सफाई की भी मान्यता है। इसमें मंदिर की सफाई खास महत्व रखती है। माना जाता है कि ग्रहण के बाद मूर्तियों और खुद को नहलाने के बाद पूरे घर में धूप-बत्ती कर शुद्धीकरण किया जाना चाहिए।

ग्रहण से जुड़ी कुछ मान्यताएं
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सात्विक भोजन या मेवे का करें उपयोग
ग्रहण के पूर्व हल्का सात्विक भोजन ले सकते हैं। जो पचने में आसान हो और पेट के लिए भी हल्का हों। इस दौरान खाने में आप मेवे ले सकते हैं। यह कम मात्रा में खाने पर भी शरीर को पूरी एनर्जी देंगे।

खास परिस्थितियों में राहत
ग्रहण के दौरान पानी पीने से भी बचना चाहिए, क्योंकि ग्रहण के चलते पानी में बैक्टिरिया एक्टिव होते हैं। अगर आप बीमार हैं या आप गर्भवती हैं तो आप हल्का गर्म पानी पी सकते हैं। इसमें 8-10 बूंदे तुलसी का जूस या पत्ते डाल कर उबाल सकते हैं। इसके साथ ही अगर आप सादा पानी नहीं पीना चाहते तो नारियल का पानी पी सकते हैं। सबसे बेहतर यह होगा कि आप ग्रहण से पहले ही अच्छी मात्रा में पानी पी लें।

ग्रहण के बाद फलों का करें सेवन
ग्रहण के बाद आप अपनी सामान्य डाइट पर आ सकते हैं। इसके बाद फल खाना लाभदायक होगा। यह इसलिए अच्छा होता है क्योंकि फलों में काफी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करेंगे और एनर्जी बूस्ट होगी।

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