धर्म संस्कृति : जैसे ही अत्याचारी दुराचारी कंस का वध हुआ, वैसे ही श्री कृष्ण के जयकारों से गूंज उठा पांडाल

श्री राधा कृष्ण संस्कार परिषद एवं गीता जयंती महोत्सव के बैनर तले 20 वें महोत्सव के छठे दिन हुआ रुक्मणी विवाह और रास लीलाओं का वर्णन

श्रीकृष्ण व गोपियों की रासलीला में मिलता है निश्चल प्रेम का प्रमाण : आचार्य श्री शास्त्री

शनिवार को होगा 20 वें महोत्सव का समापन

हरमुद्दा
रतलाम 22 दिसंबर। मामा कंस ने मल्ल युद्ध के बहाने कृष्ण, बलराम को मथुरा बुलवाकर शक्तिशाली योद्धा और पागल हाथियों से कुचलवाकर मारने का प्रयास किया, लेकिन वह सभी श्रीकृष्ण और बलराम के हाथों मारे गए। अंत में श्रीकृष्ण ने अपने मामा कंस का वध कर मथुरा नगरी को कंस के अत्याचारों से मुक्ति दिलाई। जैसे ही अत्याचारी दुराचारी कंस का वध हुआ, वैसे ही श्री कृष्ण के जयकारों से पांडाल गूंज उठा।

श्री राधा कृष्ण संस्कार परिषद एवं गीता जयंती महोत्सव के बैनर तले हनुमान बाग अमृत सागर पर चल रहे श्रीमद् भागवत सप्ताह के छठे दिन श्री कृष्ण की रासलीलाओं, कंस वध जरासंध और रुक्मणी विवाह का वर्णन किया गया।

यजमान राठौर दंपति पूजा करते हुए

कथा के प्रारंभ में नंदकिशोर व्यास और दुर्गेश रावल ने धर्मनिष्ठ दिनेश ललिता राठौर दम्पत्ति से श्रीमद् भागवत का पूजन अर्चन कर आरती करवाई। भागवत आचार्य श्री शास्त्री का सम्मान किया।

बंदी ग्रह से मुक्त कर सिंहासन पर बिठाया महाराजा उग्रसेन को

आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि कंस वध के बाद श्रीकृष्ण ने अपने माता-पिता वसुदेव और देवकी को जहां कारागार से मुक्त कराया, वही कंस के द्वारा अपने पिता उग्रसेन महाराज को भी बंदी बनाकर कारागार में रखा था, उन्हें भी श्रीकृष्ण ने मुक्त कराकर मथुरा के सिंहासन पर बैठाया।

श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य व आध्यात्मिक

आचार्य श्री शास्त्री ने कहा कि श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य व आध्यात्मिक थी। भगवान श्रीकृष्ण व गोपियों की रासलीला में निश्चल प्रेम प्रमाण मिलता है। हम सांसारिक मोहमाया में पड़कर भगवान को भूल जाते हैं जबकि विपत्ति आने पर भगवान को याद करते हैं।

भगवान की कृपा के बिना कुछ भी संभव नहीं

आचार्य श्री शास्त्री ने धर्मालुजनों से कहा कि इस संसार में भगवान की कृपा बिना कुछ भी संभव नहीं है। भगवान के नाम से ही सारे पाप दूर होते हैं। मानव मात्र को ही समाज में अच्छे कर्म करना चाहिए। फल की कामना किए बगैर कर्म करते रहना चाहिए। अच्छे कर्म का फल हमेशा अच्छा मिलता है और बुरा कर्म का फल बुरा होता है। इसलिए हमें हमेशा सत्कर्म करना चाहिए। जीवन में हमेशा लोगों का भला ही करते रहे तो आपको भला का उल्टा लाभ होगा।

श्री कृष्ण रुक्मणी का हुआ विवाह

श्री कृष्णा एवं रुक्मणी के साथ भक्त
श्री कृष्ण रुक्मणी को सिंचावनी करते हुए धर्मालु

काफी संघर्ष हुआ युद्ध के बाद अंततः श्री कृष्ण रुक्मणी से विवाह करने में सफल रहे। कृष्ण कृतिका कृष्णात्रे और रुक्मणी दीक्षा शर्मा बनी। महिलाओं ने गरबा रास किया।

गरबा रास करते हुए श्रद्धालु

पुष्प वर्षा से स्वागत किया। महिलाओं ने कृष्ण रुक्मणी की पूजा करते हुए सिंचावनी की। हाथरस से संगीतकार एवं गायक कलाकार संदीप भारद्वाज के साथ ज्योति राठौड़ ने भी भजन प्रस्तुत किए। अतिथियों द्वारा आरती की गई। प्रसाद वितरण हुआ। महोत्सव के संयोजक पुष्पोदभव शास्त्री ने बताया कि 23 दिसंबर शनिवार को श्रीमद् भागवत सप्ताह का समापन होगा। गीता जयंती महोत्सव मनाया जाएगा।

इन्होंने किया आचार्य श्री शास्त्री का सम्मान

भागवत आचार्य श्री शास्त्री का सम्मान करते हुए

श्रीमद् भागवत आचार्य श्री शास्त्री का सम्मान महापौर प्रहलाद पटेल, पार्षद रणजीत टांक, राजेंद्र सिंह चौहान, मनोहर पोरवाल, राधेश्याम पाटीदार, रमेश पाटीदार, महेश शर्मा, महेश जोशी, श्याम योगी, राधेश्याम पवार, राजेश दवे, मोहन गोधा, ईश्वर पाटीदार ने किया।

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