धर्म संस्कृति : त्रिवेणी के पावन तट पर 11 दिवसीय महारूद्र यज्ञ 2 जनवरी से, पूर्णाहुति 12 को
⚫ ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी की मौजूदगी में होगी महारुद्र यज्ञ की शुरुआत
⚫ श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती का मिलेगा सान्निध्य
⚫ आयोजन को लेकर श्री सनातन धर्म सभा की हुई बैठक
⚫ महारुद्र की तैयारियां प्रारंभ
⚫ समितियां बनाकर सौपे प्रभार
हरमुद्दा
रतलाम 24 दिसंबर। त्रिवेणी के पावन तट पर 70 वां श्री महारूद्र यज्ञ 2 जनवरी से प्रारंभ होगा। ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी की मौजूदगी में महारुद्र यज्ञ की शुरुआत होगी। 3 जनवरी को आदि शंकराचार्य के 145 वें पद शिष्य श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती का सान्निध्य मिलेगा। आयोजन को लेकर श्री सनातन धर्म सभा की बैठक हुई। जिसमें विभिन्न समितियां बनाकर प्रभार सौपे गए। आयोजन को लेकर तैयारियां शुरू हो गई है।
त्रिवेणी तट पर स्थित चमत्कारी श्री हनुमान मंदिर सभागार में श्री सनातन धर्म सभा के अध्यक्ष अनिल झालानी की अध्यक्षता में बैठक हुई। यज्ञ आचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा एवं समिति के पदाधिकारी की मौजूदगी में हुई बैठक में 70 वें महारुद्र यज्ञ को लेकर विचार विमर्श हुआ। तैयारी शुरू की गई।
कई वर्षों के बाद श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती का रतलाम आगमन
त्रिवेणी के पावन तट पर होने वाले 11 दिवसीय महारुद्र यज्ञ आयोजन में वर्षों बाद श्री आदि शंकराचार्य के 145 वें पद शिष्य श्री जगतगुरु शंकराचार्य श्री निश्चलानंद जी सरस्वती जी का आगमन होगा। जो कि सनातन समाज की सर्वोच्च चार पीठों में से एक जगन्नाथ पुरी (उड़ीसा) स्थित श्री गोवर्धन पीठ के 31 वर्ष से इस पद पर आसीन होकर वरिष्ठतम संत के रूप में सम्मानित है।
3 जनवरी को आगमन होगा जगतगुरु शंकराचार्य जी का
जगतगुरु शंकराचार्य जी 3 जनवरी को प्रातः 7 बजे दिल्ली से रतलाम विशेष रूप से पधारेंगे तथा उसी दिन दोपहर 3 बजे उन्हें भव्य अगवानी के साथ शोभायात्रा के रूप त्रिवेणी तट पर लाया जाएगा। जहां धर्म सभा को संबोधित करेंगे। 4 जनवरी को दोपहर 1ः30 बजे सड़क मार्ग द्वारा नागदा तक यात्रा कर वहां से रायपुर की ओर रेल द्वारा प्रस्थान करेंगे। जगद्गुरु शंकराचार्य जी रतलाम प्रवास के समय सैलाना रोड स्थित दयाल वाटिका में विराजेंगे, जहां श्रद्धालु जन उनके दर्शन लाभ ले सकेंगे।
चौमुखा महादेव मंदिर में 1 जनवरी को अभिषेक से होगी शुरुआत
महारूद्र आयोजन की इसी कड़ी में प्रथम दिन 1 जनवरी को प्रातः 9 बजे बागड़ों का वास, रतलाम स्थित अगर जी के मंदिर में स्थापित श्री चौमुखा महादेव का अभिषेक होगा।
ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी की मौजूदगी में होगी महारुद्र यज्ञ की शुरुआत
महारुद्र यज्ञ आयोजन का शुभारंभ 2 जनवरी को प्रातः 10 बजे त्रिवेणी तट पर ध्यान योगी महर्षि उत्तम स्वामी जी (श्री ईश्वर आनंद जी ब्रह्मचारी) के उपदेश उद्बोधन पश्चात उनके कर कमलों से ध्वजारोहण होगा। तत्पश्चात अग्नि प्रवेश होगा। मुख्य यजमान मोहन शर्मा (मुंशी) उनके परिवारों के द्वारा महाराज श्री अग्निप्रवेश कराकर जयघोष के साथ करेंगे। 10 दिन तक निरंतर प्रतिदिन यज्ञ होगा। 12 जनवरी को पूर्णाहुति होगी। त्रिवेणी तट पर होने वाले सनातन समाज के इस भव्य आयोजन की तैयारियां प्रारंभ हो चुकी है
यह थे मौजूद
सनातन धर्म समाज की आयोजित बैठक में सर्व कोमल सिंह राठौर, कन्हैयालाल मौर्य, रामचंद्र शर्मा, पं.संजय ओझा, डॉक्टर राजेंद्र शर्मा, नवनीत सोनी, रमेश व्यास, राजेश दवे, गोपाल जवेरी, बंसीलाल शर्मा, हंसा बहन व्यास, मुन्नालाल शर्मा, बृजेंद्र मेहता, सूरजमल टांक, आशा उपाध्याय, बद्रीलाल परिहार, दिनेश उपाध्याय, सत्यदीप भट्ट, निलेश सोनी, योगेश सोनी, जगदीश परिहार, चेतन शर्मा, राजा राठौर साहित बड़ी संख्या में समाजजन मौजूद थे।