स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला : कुरीतियां समाप्त करने के लिए शिक्षा व दंड व्यवस्था में बदलाव जरूरी
⚫ सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा
⚫ पहले दिन “एक देश एक कानून” पर हुआ व्याख्यान
हरमुद्दा
रतलाम, 19 फरवरी। कुरीतियां समाप्त करने के लिए शिक्षा व दंड व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। पुलिस स्टेशनों के नाम प्राथमिक सुरक्षा केंद्र होना चाहिए। समस्या के समाधान के लिए कठोर कानून बनाना होंगे। जनसंख्या नियंत्रण को लेकर उन्होंने हम दो हमारे दो के साथ सभी के दो का नारा दिया।
यह विचार सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट व जनहित याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने व्यक्त किए। श्री उपाध्याय स्वामी विवेकानंद व्याख्यानमाला समिति की ओर से सजन प्रभा हाल में शुरू हुई दो दिवसीय व्याख्यानमाला के पहले दिन बतौर मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद थे। “एक देश एक कानून” विषय पर हुई व्याख्यानमाला की अध्यक्षता समाजसेवी इंदरमल जैन ने की। अतिथियों का स्वागत समिति के अध्यक्ष विम्पी छाबड़ा व सचिव डॉ. हितैष पाठक व अन्य ने किया।
भ्रष्टाचार के लिए उदासीनता जिम्मेदार
श्री उपाध्याय ने कहा कि जिले में व्याप्त नशे के कारोबार के प्रति आमजन को जागरूक होना होगा। इसके लिए सख्त कानून के लिए जनप्रतिनिधियों पर दबाव डालना होगा। भ्रष्टाचार के लिए कार्यपालिका, विधायिका व खबर पालिका के साथ उदासीनता जवाबदार है सभी को समान रूप से जागरूक होना चाहिए। समान नागरिक संहिता कानून पर कहा कि इसके लिए समाज को आगे आना होगा। कानून ठीक व कठोर होगा तो समाज ठीक होगा। कानून लागू होता है तो समान रूप से सभी को लाभ मिलेगा। विवाह की उम्र सभी धर्म व समाज में समान होगी। बेटियों को संपत्ति के साथ समान अधिकार मिलेंगे। कुरीतियों की समाप्ति के लिए शिक्षा व दंड व्यवस्था में बदलाव बहुत जरूरी है। इस मौके पर शहर के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। संचालन विनीता ओझा ने किया।