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बच्चों के लिए आनंदमई शिक्षा का माध्यम बने विद्यालय: जिला शिक्षा अधिकारी

हरमुद्दा
रतलाम 21 जुलाई। विद्यालय बच्चों के लिए रोचक आनंदमई शिक्षा का माध्यम बने। विद्यार्थी विद्यालय के नाम से घबराए नहीं। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन की पद्धति विद्यार्थियों की सृजनात्मक क्षमता में वृद्धि तथा उनके व्यक्तित्व के विकास मे सहायक है। सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन विद्यार्थी को आने वाले वक्त की चुनौतियों के लिए तैयार करता है।

यह विचार जिला शिक्षा अधिकारी अमर वरधानी ने व्यक्त किए। श्री वरधानी उत्कृष्ट विद्यालय में सतत् एवं व्यापक मूल्यांकन के तीन दिवसीय प्रशिक्षण के समापन अवसर पर संबोधित कर रहे थे।

शुभारंभ में थे यह मौजूद
उत्कृष्ट विद्यालय में 18 जुलाई से आरंभ हुए इस प्रशिक्षण का शुभारंभ प्राचार्य सुभाष कुमावत, डीपीसी आरके त्रिपाठी तथा अशोक लोढ़ा द्वारा किया गया।

58 विद्यालयों के शिक्षकों, प्राचार्यों ने लिया प्रशिक्षण
उल्लेखनीय है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम में रतलाम विकासखंड के 58 विद्यालयों के शिक्षकों, प्राचार्यो ने भाग लिया। गतिविधियों से परिपूर्ण इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रथम दिवस निबंध लेखन, आशु भाषण, प्रश्न मंच की बारीकियों को समझाया गया। दूसरे दिन प्रार्थना सभा, नाट्यकला, चित्रकला, क्राफ्ट आदि की प्रस्तुति दी गई। तीसरे दिन प्रशिक्षण में लोकगीत, लोकनृत्य की प्रस्तुति आनंदम के तहत सहज योग, सतत एवं व्यापक मूल्यांकन के दस्तावेजी करण और प्रक्रिया को समझाया गया।

इन्होंने दिया प्रशिक्षण
मास्टर ट्रेनर गिरीश सारस्वत, सीमा अग्निहोत्री, विनीता ओझा, मधु भदोरिया, धीरज सिंह राठौर तथा ईश्वर सिंह परमार ने प्रशिक्षण गतिविधियां संचालित की। गिरीश देवासिया तथा दिनेश व्यास का विशेष सहयोग रहा।

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