कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए आवाज उठाई विधिक साक्षरता शिविर में
हरमुद्दा
रतलाम, 22 जुलाई। कन्या भ्रूण हत्या हमारे देश की ज्वलंत समस्या है। गर्भ से लिंग परीक्षण जांच के बाद बालिका शिशु को हटाना कन्या भ्रूण हत्या है। केवल पहले लड़का पाने की परिवार में बुजुर्ग सदस्यों की इच्छाओं को पूरा करने के लिए जन्म से पहले बालिका शिशु को गर्भ में ही मार दिया जाता है। भारतीय समाज में अनचाहे रूप से पैदा हुई लड़कियों को मारने की प्रथा सदियों से है।
यह विचार द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश साबिर अहमद खान ने व्यक्त किए। जिला एवं सत्र न्यायाधीश शोभा पोरवाल के मार्गदर्शन में एडीआर सेंटर पर हुए विधिक साक्षरता शिविर में श्री खान विशेष अतिथि के रूप में मौजूद थे।
महिलाओं के भविष्य के लिए कन्या भ्रूण हत्या एक अपराध
श्री खान ने “कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम” विषय पर महिलाओं को संबोधित कर कहा कि महिलाओं के भविष्य के लिए कन्या भ्रूण हत्या एक अपराध और सामाजिक समस्याएं है। वर्तमान में लड़कों की चाह में लड़कियों की भ्रूण हत्या की जा रही है जिसके कारण समाज में असमानता का माहौल बन रहा है। बढ़ते हुए दहेज की मांग को लेकर माता-पिता की चिंताएं बढ़ रही हैं। लड़कियों की भ्रूण हत्या का मूल कारण यह भी है कि लड़की के माता-पिता की आर्थिक स्थिति भी कन्या भ्रूण हत्या का कारण है।
गर्भ में ही हत्या करने से नहीं करते संकोच
श्री खान ने कहा कि प्रायः देखने में आया है कि भारत में पुरुष को महिला की तुलना में अधिक महत्व दिया गया है। इसी विकृत मानसिक स्थिति के कारण कन्या भ्रूण हत्या का आधार बन रहा है। मेडिकल में बालक एवं बालिका का जन्म होने के पूर्व ही पता चल जाने की वैज्ञानिक पद्धति के कारण यदि जन्म के पूर्व कन्या का पता चलता है तो लड़के की चाह में माता-पिता कन्या को गर्भ में ही हत्या करने से संकोच नहीं कर रहे हैं। उपस्थित महिलाओं को भ्रूण हत्या न करने के लिए जागरूक किया।
योजना से लाभ लेने का आह्वान
विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता में करते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव विष्णु कुमार सोनी ने महिला, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कहा कि आप हर घर-घर के संपर्क में रहती हो। किसी भी प्रकार की कानूनी सहायता/सलाह की आवश्यकता होने पर कार्यालय से संपर्क कर इस अनूठी योजना का लाभ प्राप्त कर सकती हैं। कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला विधिक सहायता अधिकारी सुश्री अंकिता प्लास ने कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम पर विस्तार से जानकारी दी।
यह थे मौजूद
शिविर में महिला एवं बाल विकास कार्यालय का समस्त स्टाॅफ, विजय शर्मा, आभा निमावत, पीएलव्ही एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रतलाम का समस्त स्टाॅफ मौजद था। संचालन सुश्री प्लास ने किया।