सामाजिक सरोकार : उपभोक्ताओं को जागरूक होना ही होगा

सुनील पारिख, एडवोकेट

दुनियाभर के उपभोक्ताओं के लिए 15 मार्च का दिन काफी खास है। इस दिन को उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ‘वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे’ यानी विश्व उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह यह सुनिश्चित करने का दिन है कि जब आप चीजें खरीदते हैं तो आप जैसे लोगों को आपके अधिकारों के बारे में पता हो।

उपभोक्ता अधिकारों का मतलब है कि आपको अपने द्वारा खरीदी गई चीजों के बारे में महत्वपूर्ण बातें जानने का अधिकार है, जैसे कि क्या वे अच्छी गुणवत्ता वाली हैं, उनकी लागत कितनी है, और क्या वे सुरक्षित हैं।

चलाए जाते हैं जागरूकता अभियान

बाजार में होने वाली ग्राहक जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावटी सामग्री का वितरण, अधि‍क दाम वसूलना, बिना मानक वस्तुओं की बिक्री, ठगी, नाप-तौप में अनियमितता, ग्यारंटी के बाद सर्विस प्रदान नहीं करने के अलावा ग्राहकों के प्रति होने वाले अपराधों को देखते हुए इस दिन जागरूकता अभि‍यान चलाए जाते हैं।

हर दिन रहे गलत का विरोध करने के लिए जागरूक

उपभोक्ता दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है। प्रतिवर्ष अलग-अलग थीम के साथ विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2024 “उपभोक्ताओं के लिए निष्पक्ष और जिम्मेदार एआई”। 15 मार्च को प्रतिवर्ष मनाए जाने वाले विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस का सामयिक विषय है। वर्ल्ड कंज्यूमर राइट्स डे पर इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है जिसके लिए  लगातार जागरूक कर रहे हैं।

एडवोकेट सुनील पारिख, अध्यक्ष स्टडी सर्कल स्वैच्छिक उपभोक्ता संगठन

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