धर्म संस्कृति : जिंदगी में कैसी भी स्थिति परिस्थिति हो, बचना चाहिए क्रोध से

आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने कहा

“हम कैसे बने भगवान” विषय पर हनुमान रूण्डी में चल रहे तीन दिवसीय विशेष प्रवचन का दूसरे दिन

17 मार्च को सुबह निकलेगा सेमलियाजी तीर्थ का दो दिवसीय पदयात्रा संघ

हरमुद्दा
रतलाम, 15 मार्च। हम कैसे बने भगवान विषय पर हनुमान रूण्डी में चल रहे तीन दिवसीय विशेष प्रवचन के दूसरे दिन आचार्य श्री विजय कुलबोधि सूरीश्वरजी म.सा. ने भगवान शब्द के दूसरे अक्षर “ग” को परिभाषित किया। आचार्यश्री ने “ग” की भूमिका को वर्णित करते हुए कहा कि जो गरम नहीं होता है, वह भगवान बनता है। जीवन स्थिति-परिस्थिति कैसी भी आ जाए हमे कभी किसी पर क्रोध नहीं करना चाहिए। क्रोध, गैस के उस सिलेंडर की तरह होता है, जो कभी भी फट सकता है।

आचार्यश्री ने कहा कि आज हर व्यक्ति गैस का सिलेंडर बन गया है। जरा कुछ हो जाए तो तत्काल फट जाता है। जबकि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। जब भी आपको क्रोध आए तो तत्काल किसी भी बात पर रिएक्ट मत करो, ऐसा करने से आपका ही नुकसान होगा। गुस्से को हमेशा जल्द खत्म कर देना चाहिए, उसे बैर की गांठ के रूप में लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए। क्रोध करने से किसी ओर का नहीं बल्कि आपका ही नुकसान होता है।

आचार्यश्री ने कहा कि जीवन में दूसरों का भला करने के साथ कभी किसी व्यक्ति पर गरम नहीं होना चाहिए। सूर्य इतना गरम होता है कि हम उसकी तरफ दस मिनट भी नहीं देख सकते है, जबकि चांद की शीतलता ऐसी है कि रात भर हम उसे देख सकते है। ठीक ऐसे ही हमे अपने जीवन में शीतलता को बनाए रखना है। आपके परिवार में भी यदि कोई एक व्यक्ति किसी बात पर गरम हो जाए तो आप भी गरम न हो, दूसरे को नरम करे।

पाप का कारण बनता है क्रोध

आचार्यश्री ने कहा कि क्रोध ही पाप का कारण बनता है। हर घर में क्रोध के रूप में आतंकी बैठा है, हमे उसे अपने घर से बाहर निकालना है। यदि ऐसा कर लिया तो आप भगवान बन सकते हो। विशेष प्रवचन के तीसरे दिन आचार्यश्री भगवान शब्द के शेष बचे दो अक्षर “वा” और “न” को परिभाषित करेंगे।

17 मार्च को निकलेगा दो दिवसीय पदयात्रा संघ

आचार्यश्री की निश्रा में 17 मार्च को सुबह 6 बजे रतलाम से सेमलियाजी तीर्थ का दो दिवसीय पदयात्रा संघ निकलेगा। इस दौरान ग्राम पलसोड़ा में शाम के समय प्रवचन होंगे। लाभार्थी परिवार ने सकल श्रीसंघ सभी को धर्मलाभ लेने का आव्हान किया है। यह यात्रा 17 एवं 18 मार्च को निकलेगी। लाभार्थी मोहनबाई सौभागमलजी तलेरा परिवार रहेगा।

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