लघुता से प्रभुता की ओर बढ़ने का किया महासती श्री समीक्षणाजी ने आह्वान, काटजू नगर में कार्यशाला
हरमुद्दा
रतलाम,22 जुलाई। व्यक्ति अगर अहम त्याग दे और अपने आप को छोटा मानले, तो उसमें बहुत गुणों का समावेश हो जाता है। इससे वह आगे बढ़ जाता है। निर्ग्रंथों के लिए भी लघुता श्रेष्ठ है।
यह उदगार महासती श्री समीक्षणाश्री जी म. सा.ने समता भवन पर धर्म सभा मे व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि लघुता, अल्प इच्छा, अमूर्च्छा सभी प्रशांत है, और जहाँ लघुता है वहाँ व्यक्ति सुखी है ,इसलिये लघुता से प्रभुता की और बढ़ सकते है।
कार्यशाला में सफलता के सूत्र
इधर काटजू नगर समता भवन में जीवन निर्माण की कार्यशाला प्रत्येक रविवार को चल रही है। शासन दीपिका श्री हितैषीश्री जी म. सा. के सानिध्य में हो रही इस कार्यशाला में सफलता के 5 सूत्र बताए गए, जो आचार्यश्री नानेश के जीवन को देखने पर मिलते है। 1 दृढ़ संकल्प, 2 आत्म विश्वास, 3 सकारात्मक सोच, 4 पुरुषार्थ और 5 धैर्यता ये पांच सूत्र जीवन मे जो धारण करेगा,वह निश्चित अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगा।
यह जानकारी देते हुए महेन्द्र गादिया ने बताया कि कार्यशाला में प्रत्येक रविवार 15 वर्ष से 50 वर्ष तक के युवक युवती भाग ले रहे हैं। संघ अध्यक्ष मदनलाल कटारिया मंत्री सुशील गोरेचा ने समाजजनों से धार्मिक आयोजन में भाग लेने की अपील की है।
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