धर्म संस्कृति : होली दहन के बाद तीसरे दिन सूखी रोटी, प्याज, मिर्ची नमक से लगाया होली को भोग
⚫ आज भी होता है गांव में परंपरा का पालन
⚫ होली दैत्य, इसलिए लगाया भोग शाम को
हरमुद्दा के लिए जितेंद्र राव
रतलाम, 26 मार्च। होली का दहन के तीसरे दिन जमरा मनाया जाता है। इस दिन गांवों में महिला घर से सूखी रोटी, प्याज, मिर्ची, नमक और जल का लोटा होली का दहन के स्थान पर रखा।
पंडित श्याम सांवरा ने बताया कि सनातन धर्म के अनुसार होलिका दहन के तीसरे दिन मृत आत्मा को भोग लगाया जाता है। देव और मनुष्य योनि में भोग सुबह लगाया जाता है। मगर दैत्य को शाम को भोग लगाया जाता है। क्योंकि होलिका दैत्य योनी की थी तो उसे संध्या समय भोग लगाया।
होता है परंपरा का पालन
करमदी गांव यह परम्परा आज भी गांवों में जीवित है। इसका पालन किया जा रहा है। जो सनातन धर्म के अनुसार होलिका हिरण्यकश्यप की बहन थी जो भक्त प्रह्लाद को लेकर चिता में जल कर भस्म हो गई थी। भक्त प्रह्लाद सुरक्षित बच गए थे।
गांव की बहन बेटी थी होलिका
होलिका गांव की बहन बेटी समान थी। इसीलिए परंपरा के पालन में आज भी हर गांव में इसी प्रकार तीन दिन पुरानी सूखी रोटी रख कर भोग लगाया जाता है।