मेडिकल क्षेत्र में नैतिक एवं विधिक दायित्व भी समाहित: जिला न्यायाधीश
हरमुद्दा
नीमच 23 जुलाई। मेडिकल का क्षेत्र मानव सेवा का क्षेत्र है। आप सभी नर्सिंग के छात्र-छात्राएं अब विद्यार्थी जीवन से व्यवहारिक जीवन में कदम रखने जा रहे हो, जिसमें आपको प्रतिदिन कई मरीजों की देखभाल करनी होगी, इसके लिए अधिक संवेदनशील बनना होगा। सेवाकार्य में नैतिक दायित्व के साथ-साथ विधिक दायित्व भी समाहित है।
यह विचार जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री हृदेष जी ने आरबीएस कॉलेज में बी.एस.सी. नर्सिंग एवं जी.एन.एम. के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की फेयरवेल कार्यक्रम के अवसर पर आयोजित विधिक साक्षरता शिविर में व्यक्त किए।
कानूनी सलाह के लिए आएं विधिक सेवा प्राधिकरण
उन्होंने कहा कि कोई व्यक्ति बीमार होता है, तो उसे पता होता है कि अस्पताल कहां है, और इलाज कहां कराने जाना है, लेकिन यदि वह व्यक्ति किसी कानूनी मसले में फसता है, तो उसे पता नहीं होता कि इस कानूनी समस्या का इलाज कहा होगा, हम यही बात यहां बताने आएं, कि यदि आपको या किसी व्यक्ति को कोई कानूनी समस्या आती हैं, तो ऐसी कानूनी समस्या के बारे निःशुल्क सलाह, सहायता लेने के लिए आप जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में आ सकते हैं। ऐसे अन्य जरूरतमंद व्यक्ति को भी हमारे कार्यालय में भेज कर, उस व्यक्ति की मदद करने का पुण्य कार्य कर सकते हैं।
कानून की दी विस्तृत जानकारी
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव रईस खान ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा किए जाने वाले कार्यो, प्रदान की जाने वाली सेवाओं के बारें में विस्त्रत जानकारी दी। सी.जे.एम. नीरज मालवीय ने उपभोक्ताओं को प्राप्त कानूनी अधिकारों एवं ध्यान रखने वाली सावधानियों के बारे में विस्त्रत रूप से जानकारी प्रदान की। शिविर को व्यवहार न्यायाधीश रीना शर्मा एवं नीरज अग्रवाल तथा जिला विधिक सहायता अधिकारी शक्ति रावत ने विद्यार्थियों को जानकारी दी
प्रतिक चिह्न किया भेंट
शिविर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नीमच की ओर से जिला न्यायाधीश हृदेष जी ने कॉलेज संचालक को, कॉलेज के लिए संविधान की उ्देशिका अंकित प्रतिक चिह्न भी भेंट किया गया। इस अवसर पर कॉलेज स्टॉफ सहित बड़ी संख्या में विद्यार्थिगण उपस्थित थे।