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नव वर्ष में यह संभावना : तीन दशक के बाद नव वर्ष की शुरुआत शुभ राजयोग में, कई घटनाएं मचाएगी दुनिया भर में हलचल

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ज्योतिषाचार्य दुर्गाशंकर ओझा

हिन्दू पंचांग के हिसाब से हिन्दू नववर्ष 9 अप्रैल 2024 से शुरू हो रहा है। इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग का संयोग बन रहा है। इस बार विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल होंगे और मंत्री शनि देव होंगे। ऐसे में पूरे साल शनि और मंगल का प्रभाव बना रहा है। ब्रह्म पुराण के अनुसार इसी तिथि को ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी। इस वर्ष का नाम कालयुक्त संवत् है। हिन्दू पंचांग के हिसाब से और ज्योतिषी इस वर्ष में कई अशुभ घटनाएं होने की आशंका जता रहे हैं। माना जा रहा है कि इस हिन्दू नववर्ष में कई ऐसी घटनाएं होंगी जिससे दुनिया में हलचल मच जाएगी। कोरोना जैसे किसी रोग के नए वेरियेंट लोगों की धड़कन में इजाफा करेंगे। इसके साथ ही इस दौरान कई तरह की दुर्घटनाओं का योग भी बनते दिख रहे हैं।

ज्योतिषाचार्य दुर्गाशंकर ओझा

वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक करीब 30 वर्षों बाद नववर्ष की शुरुआत शुभ राजयोगों में हो रही है। आकाशीय मंडल में 2081 संवत के मंत्रिमंडल की बात करें, तो इस नववर्ष के राजा मंगल रहेंगे। उनके मंत्री शनि होंगे। वही सेनापति का कार्यभार शुक्र संभालेंगे और संवत्सर के वाहन बैल होगा। इस कालयुक्त संवत के राजा-मंगल, मन्त्री-शनि, सस्येश-मंगल, दुर्गेश- शुक्र, धनेश- चन्द्र, रसेश- गुरु, धान्येश-शनि, नीरसेश- मंगल, फलेश-शुक्र, मेघेश-शुक्र होंगे।

कई शुभ संयोग में शुरू होगा हिंदू नववर्ष

हिंदू नववर्ष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शश राजयोग में होगी। इसके अलावा साल के पहले दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है। इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे। शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा।

नव संवत्सर 2081 क्यों नहीं है शुभ

इस वर्ष को कई नकारात्मक घटनाओं वाला वर्ष माना जा रहा है। माना जाता है कि जब राजा या किसी देश के प्रधानमंत्री और बाकी मंत्रियों के बीच अच्छा तालमेल होता है, तो वहां सुशासन चलता है, लेकिन कालयुक्त वर्ष में मंगल राजा और शनि मंत्री है। दोनों के बीच शत्रुता का भाव रहता है। ऐसे में इस वर्ष पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

प्राकृतिक आपदा की संभावना

इस संवत में ग्रहों की स्थिति इस ओर भी संकेत दे रही है कि दुनिया पर परमाणु युद्ध का खतरा मंडराता रहेगा और हथियारों पर दुनिया के कई बड़े देशों का बजट बढ़ेगा।

⚫ हथियारों की जमाबंदी के प्रति राष्ट्रों में होड़ रहेगी। पश्चिमी राष्ट्रों में पुनः झड़प होने के चलते कई राष्ट्र युद्ध की तरफ़ बढ़ते हुए दिखेंगे, लेकिन इन्हें सुलझाने के प्रयास भी तेज होंगे। इन युद्धों का सबसे बुरा असर पश्चिमी देशों पर पड़ता नजर आ रहा है।

⚫ राष्ट्रों और राजनेताओं में परस्पर तनाव के चलते जनता बेचैन रहेगी। कोरोना जैसे किसी रोग के नए वेरियेंट लोगों की धड़कन में इजाफा करेंगे। इसके साथ ही इस दौरान कई तरह की दुर्घटनाओं का योग भी बनते दिख रहे हैं।

⚫ सीमा पर तनाव के अलावा नव संवत्सर 2081 में तूफान और अग्निकांड से जनधन की क्षति के योग का भी निर्माण होता दिख रहा है। देश में मानव जनित समस्याओं के अलावा प्राकृतिक आपदाएं भी देखने को मिलेंगी।

⚫ भूकम्प, लैंड स्लाइड, बाढ़, बादल फटना, तूफान, चक्रवात, आंधी, ओलावृष्टि जैसी घटनाओं के होने से लोगों को भारी नुकसान होगा। इन प्राकृतिक आपदाओं से कृषि उत्पादन में कमी और पशुधन की भी हानि होगी। प्राकृतिक आपदाओं का सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों पर अशुभ प्रभाव पड़ेगा।

घटनाओं के होने की आशंका

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि कालयुक्त में अपराध में बढ़ोत्तरी भी होगी। इससे चोरी, ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार, हिंसा, उपद्रव की घटनाएं होगी, जिससे समाज में अंशाति का माहौल होगा। देश में आगजनी, साम्प्रदायिक हिंसा, उग्रवाद, आंतकवादी गतिविधियां बढ़ जाएंगी. वहीं, अपहरण, डकैती, हत्या, आत्महत्या जैसी घटनाएं भी काफी बढ़ जाएंगी।

राजनैतिक पार्टियों में टकराव और बिखराव

नव संवत् में राजनीति भी इस कालयुक्त वर्ष के अशुभ प्रभाव से अछूती नहीं रहेगी। एक तरफ जहां आर्थिक, सामाजिक परिस्थितियां अंशातिपूर्ण रहेंगी, वहीं राजनैतिक पार्टियों के बीच विग्रह टकराव और बिखराव की स्थिति पैदा हो सकती है।

⚫ देशों के बीच में कुछ मुद्दों को लेकर विवाद की स्थिति देखी जाएगी। कहीं तोड़-फोड़, विस्फोटक घटनाएं होगी।

⚫ देशों के बीच तालमेल न होने के कारण भंयकर युद्ध की स्थितियां भी आ सकती हैं। कई नेताओं पर कई आरोप भी लग सकते हैं, जिससे राजनीति में पूरे साल हलचल देखने को मिलेगी।

⚫ राजा  और मन्त्री दोनों मुख्य पदाधिकारी दो परस्पर विरोधी ग्रहों ‘मंगल- शनि’ के पास होने से राजनैतिक एवं सामाजिक पटल पर परस्पर बैर-विरोध एवं विरोधाभासी घटनाएं अधिक होगी।

⚫ धार्मिक उन्माद से वातावरण विषाक्त होगा। युद्ध से जनहानि होगी। राजनेताओं में द्वेष का भाव उत्पन्न होगा। उच्चपदस्थ राजनेता और राष्ट्राध्यक्षों के जरिए विप्रजनों व विषय विशेषज्ञों का सम्मान किया जायेगा।

⚫ राजनेता व प्रशासक धन-धान्य से तृप्त होंगे। जनता के लिए न्यायपूर्ण नीतियों का क्रियान्वन होगा। राजनेता-प्रशासक धन-धान्य-वैभव से युक्त होंगे। कर्मकाण्ड से आजीविका चलाने वाले विप्रजन लाभान्वित होंगे।

⚫ धार्मिक उन्माद के कारण वैमनस्य बढ़ेगा। अनाज के भाव तेज होंगे और प्रजा में विचित्र प्रकार के ज्वर रोगादि फैलेंगे। विशिष्टजनों के सुखों में वृद्धि होगी। प्रजा द्वारा विप्रजनों व विषय- विशेषज्ञों का सम्मान किया जायेगा। उपद्रवों के कारण जनता त्रस्त होगी।

⚫ विशिष्टजनों को सुविधाओं का लाभ मिलेगा. सुशासन से शान्ति बनेगी। विनय व वाणी के संयम से घर जैसे सुखों का अनुभव होगा। दूरस्थ और पर्वतीय प्रजा को भी सुख-सुविधाओं के विस्तार से लाभ होगा

⚫ फैशन, फिल्म उद्योग, मनोरंजन, के क्षेत्र में इस साल भारत ही नहीं दुनिया भर में रुझान और आकर्षण बढ़ेगा। इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों के प्रभाव और कमाई में भी इस साल अच्छी वृद्धि होगी।

⚫ केंद्र और राज्य सरकारों को कई बड़े आंदोलनों का सामना करना पड़ सकता है। विपक्ष के कुछ बड़े नेताओं को कानूनी मामलों में उलझना पड़ सकता है।

⚫ किसी प्रसिद्ध महिला की मृत्यु या वैवाहिक तनाव की खबर देश में सनसनी मचा सकती है। किसी बड़े मंत्री के साथ कुछ अनहोनी घटना घटित हो सकती है।

ईश्वर के प्रति बढ़ेगी आस्था

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि लोगों में बेचैनी का माहौल भी देखा जा सकता है। जनता के बीच आपसी टकराव और संघर्ष का माहौल बनेगा जिससे समाज और राजनीति में तनाव बढ़ेगा। जनता के स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलने के साथ ही लोगों के मन में दया पनपती दिखेगी। वहीं राष्ट्र में प्रशासनिक कार्यों की अधिकता होगी। इस वर्ष अकाल जैसी स्थितियों का दुनिया पर असर पड़ता दिख रहा है, वहीं खेती में चूहों और टिड्डियों का असर भी देखने को मिल सकता है। कुछ समय के लिए महंगाई में कुछ कमी की संभावना के बीच दूध के उत्पादन में कमी के बाद कीमतों में उछाल आएगी।

बढ़ती समस्याओं के बीच लोग भगवान को याद करेंगे, वहीं इस दौरान यज्ञ व हवन के द्वारा संपत्ति व पद का योग-संयोग निर्मित किया जाएगा। इस समय अधिकारी आम जनता की परेशानी का कारण बन सकते हैं। असमानता में भारी वृद्धि के बीच जनता त्रस्त रह सकती है। अपराध जैसे डकैती, अपहरण इत्यादि में वृद्धि देखने को मिल सकती है। भारत के कलाकार और वैज्ञानिक देश-विदेश में बड़ी ख्याति अर्जित करेंगे। भारत के किसी वैज्ञानिक या शिक्षाविद को नोबेल या कोई अन्य बड़ा प्रतिष्ठित पुरस्कार अगले एक वर्ष में मिल सकता है।

अर्थव्यवस्था में होगा उतार-चढ़ाव

ज्योतिषाचार्य ने बताया कि ग्रहों का संयोग इशारा कर रह है कि इस दौरान किसी प्रमुख या बड़े व्यक्ति का अवसान जनमानस को स्तब्ध कर सकता है। इस दौरान राजनीतिक स्तर में लगातार गिरावट देखने को भी मिल सकती है। इस नवसंवत्सर 2081 में नई खोज की संभावना के साथ ही शिक्षा को लेकर कुछ विशेष कार्य होते दिख रहे है।

परिवहन की स्थितियों में सुधार की संभावना के बीच कुछ अति विशेष भी इस समयावधि में होता दिख रहा है। ये संवत्सर बाजार और अर्थ व्यवस्था में कभी गिरावट तो कभी उछाल भी लाता दिखेगा, लेकिन बाद में स्थितियां सामान्य होती दिखेंगी. वहीं आईटी सेक्टर में न तेजी दिखेगी, न ही बड़ी मंदी। शेयर बाजार का कोहराम बाजार में भारी घबराहट दिखाएगा। फिर लगातार कई सुधारों के बाद बाजार संभालेगा।

कीमतों में होगी वृद्धि

इस हिंदू नववर्ष में क्रूड ऑयल की कीमत में वृद्धि होगी जिससे पेट्रोल डीजल की कीमत में इजाफा हो सकती है। माणिक्य, मूंगा, पुखराज, हीरे आदि रत्न, लालवस्त्र, गर्मवस्त्र, लाल-चन्दन, स्वर्ण, पीतल, ताँबा, खल-बिनौला आदि तथा अन्य लालवर्ण के पदार्थ और धातुएँ मंहगी होगी।

रसादि पदार्थों (दूध, घी, शर्बत, गुड़, ज्यूस, तेल, सेब, मौसमी आदि रसपदार्थ) के क्रय-विक्रय करने वाले लाभ प्राप्त करेंगे. वस्त्र, अनाज, सुगन्धित तेल, दूध, घी, गुड़, चावल, इत्र, सुगन्ध, मिठाई आदि वस्तुओं के व्यापारी भी लाभ प्राप्त करेंगे। अवसरवादी व्यक्तियों को लाभ होगा। प्रजा व प्रशासन में सामंजस्य बनेगा।

पशुधन की होगी हानि

हाथी, घोड़े, गधे आदि चौपायों और गाय, बैल, भैंस, ऊँट आदि दुधारू पशुओं में भी विचित्र रोग से पशुधन की हानि होगी. उपयोगी वर्षा की कमी से चावल, गेहूं, मक्का, बाजरा, जौ (धान्य फसलें) चना, सोयाबीन जैसी फसलों को हानि होगी जिससे इनके भावों में तेजी आयेगी। शीतकाल में पैदा होने वाली फसलों जैसे मूंग, मोठ, बाजरा, ईख, धान्य, तिलहन, दलहन आदि की पैदावार कम होगी अथवा प्राकृतिक प्रकोपों के कारण कृषि को हानि होगी। दलहन, तिलहन और धान आदि के भावों में अप्रत्याशित वृद्धि होगी। अच्छी बारिश होगी. घास, तृण, फल-फूल एवं छोटे पौधों के समूहों की पैदावार अधिक होगी, इनका श्रेष्ठ उत्पादन होगा।

सुशासन से बनेगी शांति

धार्मिक उन्माद के कारण वैमनस्य बढ़ेगा. अनाज के भाव तेज होंगे और प्रजा में विचित्र प्रकार के ज्वर रोगादि फैलेंगे। विशिष्टजनों के सुखों में वृद्धि होगी। प्रजा द्वारा विप्रजनों व विषय- विशेषज्ञों का सम्मान किया जायेगा। उपद्रवों के कारण जनता त्रस्त होगी। विशिष्टजनों को सुविधाओं का लाभ मिलेगा। सुशासन से शान्ति बनेगी। विनय व वाणी के संयम से घर जैसे सुखों का अनुभव होगा। दूरस्थ और पर्वतीय प्रजा को भी सुख-सुविधाओं के विस्तार से लाभ होगा

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