धर्म संस्कृति : विशाल चल समारोह में चहुंओर जय महावीर की गूंज

’भगवान महावीर के दर्शन वर्तमान में अति प्रांसगिक’

सकल जैन श्रीसंघ ने 2623 वे जन्म कल्याणक पर किया गुणानुवाद

स्वामी वात्सल्य में उमड़ा अपार जनसमूह

हरमुद्दा
रतलाम 22 अप्रैल। भगवान महावीर का 2623 वां जन्म कल्याणक शहर में उत्साह और उल्लास से मनाया गया। इस मौके पर श्री सकल जैन श्रीसंघ ने जैन स्कूल में साध्वीश्री लब्धिश्रीजी मसा एवं श्री रम्यकिर्ती श्रीजी मसा आदि ठाणा की निश्रा में आयोजित धर्मसभा में गुणानुवाद करते हुए महावीर के दर्शन को दुनिया में फैलाने का संकल्प लिया। वक्ताओं ने कहा कि ’भगवान महावीर के दर्शन वर्तमान में अति प्रांसगिक’है। इनसे सारी समस्याओं का समाधान हो सकता है। धर्मसभा से पहले चैमुखीपुल से महावीर जैन युवा संघ ने विशाल चल समारोह निकाला। इसमें चहुंओर जय महावीर की गूंज रही। धर्मसभा के बाद स्वामी वात्सल्य हुआ। इसमें अपार जनसमूह शामिल हुआ।

जो दुश्मनों को माफ कर दे उसे कहते हैं महावीर

धर्मसभा में साध्वीश्री अमित गुणा श्री जी मसा की शिष्या श्री रम्यकिर्तीश्री जी मसा ने कहा कि दुश्मनों से जो लड़ता है, उसे वीर कहते है, लेकिन दुश्मनों को भी जो माफ कर दे, वह महावीर कहलाता है। संसार में लोग तीन तरह के होते है-एक पर्वत जैसे, दूसरे कपडे और तीसरे शक्कर जैसे। पर्वत पर पानी टिकता नही और कपडों में कुछ निकलने के बाद रह जाता है, लेकिन शक्कर पानी में घुल जाती है। भगवान महावीर का जीवन शक्कर जैसे बनने की प्रेरणा ही देता है। उनके जन्म कल्याणक पर समाज ने जो एकता दिखाई, वह प्रशंसनीय है।

विशिष्ट आत्म बल के साथ पैदा हुए भगवान महावीर

श्री तेरापंथ सम्प्रदाय की साध्वी श्री लब्धि श्री जी मसा ने इस मौके पर कहा कि महावीर अलौकिक जीवन के साथ लौकिक जगत में आए थे। ये धरा धन्य है, जहां ऐसे महापुरुष ने जन्म लिया। महावीर विशिष्ठ आत्मबल के साथ पैदा हुए थे, तभी तो जिन कष्टों को उन्होंने भोगा, वे 24 तीर्थंकर में किसी को नहीं मिले। आज समाज, राष्ट्र और विश्व में सहन शीलता कम हो रही है। ऐसी स्थिति में महावीर ने अपरिग्रह, अनेकांत और अहिंसा के जो सन्देश दिए है, वे बहुत प्रांसगिक है। इनसे कई समस्याओ का समाधान हो सकता है।

भगवान महावीर के संदेश सर्वकालिक

श्री सकल जैन श्रीसंघ के मार्गदर्शक एवं प्रदेश के सूक्ष्य, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप ने इससे पूर्व कहा कि भगवान महावीर के संदेश सर्वकालिक है। दुनिया में युद्ध से अशांति का जो वातावरण है, उसे महावीर के सि़द्धांतो से दूर किया जा सकता है। महात्मा गांधी अहिंसा के जरिए देश का आजाद कराकर ये संदेश पहले ही दे चुके है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी भगवान महावीर के 2550 वे निर्वाण वर्ष की शुरुआत कर उनके संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने में लगे है।

मंगलाचरण से शुरुआत

धर्मसभा का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। सकल जैनश्री संघ के संचालक सदस्य ललित कोठारी , राजेन्द्र खाबिया, प्रकाश मूणत, निर्मल लुनिया, जयंत बोहरा, महेन्द्र चाणोदिया, सुशील छाजेड़, अभय पोरवाल, ओम अग्रवाल एवं राजेश सुराना ने मार्गदर्शकगण एवं समाज प्रमुखों विनोद मूणत, राजकुमार अजमेरा, ललित पटवा,दिलीप मांडोत,
अनोखीलाल कटारिया आदि का स्वागत किया। साध्वीजी ने महामांगलिक श्रवण कराई। धर्मसभा का संचालन प्रकाश मूणत ने किया। आभार महेन्द्र चाणोदिया ने माना।

पूर्व और वर्तमान मंत्री हुए शामिल

इससे पूर्व विशाल चल समारोह निकला, इसमें श्री सकल जैन श्रीसंघ के मार्गदर्शक पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी एवं प्रदेश के सूक्ष्य, लघु, मध्यम उद्यम मंत्री चेतन्य काश्यप सहित असंख्य समाजजन शामिल हुए।

समाज की कई संस्थाओं ने किया सेवा कार्य

स्वामी वात्सल्य में सकल जैन श्री संघ की और से केबीनेट मंत्री चेतन्य काश्यप ने गोकुलजी महाराज एवं सभी सेवकगण का सम्मान किया। समाज की कई संस्थाओं ने सेवाकार्य किया। कार्यक्रम का संचालन जयंत बोहरा ने किया। इस दौरान श्री गुजराती उपाश्रय, श्री साधुमार्गी जैन श्रीसंघ, श्री धर्मदास जैन श्रीसंघ, श्री आराधना भवन ट्रस्ट, श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ नीम चैक, श्री तेरापंथ महासभा, श्री त्रिस्तुतिक जैन श्रीसंघ, श्री खरतरगच्छ श्रीसंघ, श्री ज्ञानगच्छ श्रीसंघ, श्री शांत कांत जैन श्रीसंघ, श्री पाश्र्वनाथ जैन मित्र मंडल, श्री सज्जन मिल क्षेत्र श्रीसंघ, श्री दिगम्बर बीस घर गोठ, श्री दिगम्बर साठ घर गोठ, श्री दिगम्बर स्टेशन श्रीसंघ, श्री दिगम्बर हुम्मड समाज, श्री दिगम्बर जैन नरसिंहपुरा, एवं श्री सुधर्मा जैन सेवा संघ के सदस्यगण उपस्थित रहे।

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