सामाजिक सरोकार : देहदान जागरूकता में काकानी फाउंडेशन का सराहनीय कार्य, पिता पुत्री और पति पत्नी ने भी शामिल देहदान में

डीन डॉ. अनीता मूथा ने कहा

सात लोगों ने सहमति जताई देहदान के लिए

हरमुद्दा
रतलाम, 1 मई। देहदान के प्रति जागरूकता के लिए काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के प्रयास सतत जारी है। रतलाम मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए देह का होना प्रैक्टिकल अनुभव के लिए आवश्यक है।  इस कमी को दूर करने के लिए संभागीय अंगदान प्राधिकार समिति सदस्य गोविंद काकानी द्वारा पांच देहदानकर्ता तैयार किए गए। पिता और पुत्री के साथ ही पति और पत्नी ने एक साथ देहदान के लिए सहमति जताई है। जावरा के सहयोगी यश जैन द्वारा दो देहदान कर्ता की सहमति प्राप्त की।

यह बात डॉक्टर लक्ष्मीनारायण पांडेय मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल की डीन डॉ. अनीता मूथा ने कही। डॉक्टर मूथा देहदानियों के परिचय पत्र समाजसेवी का काकानी को सौप रही थी।  समाजसेवी काकानी ने सभी के सहमति पत्र परिवार जन की स्वीकृति पत्र बनाकर मेडिकल कॉलेज एनाटॉमी विभाग अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र गुप्ता के सहयोग से  विभाग के राजेंद्र सिंगरौले को दिया। देहदान परिचय पत्र मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अनीता मुथा द्वारा गोविंद काकानी को दिए गए।

देहदान के सात प्रकरण

काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन के सचिव गोविंद काकानी ने जानकारी देते हुए बताया कि

पहला प्रकरण : अशोक जैन, निवासी सिटी हार्ट अपार्टमेंट, सिविक सेंटर।

दूसरा प्रकरण : इन्हीं की सुपुत्री श्रीमती संध्या जैन ने भी पिताश्री अशोक जैन से प्रेरणा लेते हुए देहदान का संकल्प लिया है।

तीसरा प्रकरण : राजेश जैन, निवासी बजाज खाना ने भी देहदान का संकल्प लिया है।

चौथा प्रकरण : पति राजेश जैन की प्रेरणा से पत्नी श्रीमती किरण जैन निवासी बजाज खाना ने भी देहदान का संकल्प लिया है।

पांचवा प्रकरण : श्रीमती सपना दलवी, निवासी  मिड टाउन कॉलोनी द्वारा भी देहदान का संकल्प लिया है।

घर घर जाकर दिया जाएगा देहदान का परिचय पत्र

समाजसेवी काकानी ने बताया कि परिवार के  सदस्यों से सहमति लेकर सभी देहदान करने वाले  रतलाम शहर के निवासी हैं। इन सभी को घर-घर जाकर देहदान का परिचय पत्र दिया जाएगा।

जिले से भी देहदान के संकल्प पत्र

इसी प्रकार  रतलाम जिले के अन्य भागों से भी देहदान के लिए मोबाइल पर सूचना प्राप्त होने पर सहयोगी कार्यकर्ता  समाजसेवी यश जैन जावरा द्वारा उनके घर जाकर उनके फॉर्म भर कर समाजसेवी काकानी के माध्यम से मेडिकल कॉलेज जमा किए।

छटवा प्रकरण : गिरिराज उपाध्याय, स्टेशन रोड, जावरा जिला रतलाम का है।

सातवां प्रकरण : रमेशचंद्र बाबेल, सदर बाजार, पिपलोदा जिला रतलाम का है। उनका भी परिचय पत्र बन गया एवं घर तक पहुंचाने की प्रक्रिया जारी है।

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