वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे साहित्य सरोकार : प्रेम के पौधे को पल्लवित करता है साहित्य -

साहित्य सरोकार : प्रेम के पौधे को पल्लवित करता है साहित्य

जनवादी लेखक संघ के आयोजन में यूसुफ़ जावेदी ने कहा

प्रेरणा सम्मान मिलने पर आशीष दशोत्तर का किया अभिनंदन

हरमुद्दा
रतलाम, 6 मई। साहित्य सदैव प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है । वह कभी मनुष्य के बीच भेद नहीं करता । प्रकृति और मनुष्य के संबंधों में भी भेद नहीं करता । उसका प्रेम सभी के प्रति एक सा होता है । जो साहित्य प्रेम और भाईचारे का संदेश देता है वही सदैव याद रखा जाता है। 

यह विचार जनवादी लेखक संघ रतलाम द्वारा आयोजित एकल काव्य पाठ आयोजन में वरिष्ठ साहित्यकार यूसुफ़ जावेदी ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मोहब्बत के पौधे को पनपने दीजिए । अपनी रचनाओं के ज़रिए इसी आपसी सद्भाव को बढ़ाने का संदेश दीजिए।

उन्होंने एकल काव्य पाठ में कवि हीरालाल खराड़ी द्वारा प्रस्तुत कविताओं की समीक्षा करते हुए कहा कि ये कविताएं प्रकृति और मनुष्य के संबंधों, किसानों की पीड़ा को अभिव्यक्त करती है। कविता में अनावश्यक विस्तार नहीं होना चाहिए। अधिक विस्तार होने से कविता अपनी बात नहीं कह पाती है। कविता अपना परिचय स्वयं देती है। उसे किसी भूमिका की आवश्यकता नहीं होती । कवि हीरालाल खराड़ी ने इस अवसर पर ‘पीपल और गांव’, ‘किसानों की व्यथा’, ‘शहीद की मां ‘ एवं अन्य कविताओं का पाठ किया।

जनवादी लेखक संघ अध्यक्ष रणजीत सिंह राठौर ने रतलाम के साहित्य और संस्कृति पर आलेख वाचन करते हुए कहा कि रतलाम का साहित्य बहुत समृद्ध रहा है । देश में यहां के साहित्य की अलग पहचान रही है । नई पीढ़ी को रतलाम की इस पहचान को कायम भी रखना है और आगे भी बढ़ाना है ।

सम्मान मिलने पर किया अभिनंदन

इस अवसर पर आशीष दशोत्तर ,जितेंद्र सिंह पथिक, यूसुफ़ जावेदी, गीता राठौर ने भी कविता पाठ किया ।‌आशीष दशोत्तर का प्रेरणा सम्मान प्राप्त करने पर अभिनंदन किया गया। इसके उपरांत आयोजित विचार गोष्ठी में मांगीलाल नगावत, कीर्ति शर्मा, जयंत गुप्ता एवं उपस्थित साथियों ने सहभागिता की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed