सामाजिक सरोकार : युवा साहित्यकार आशीष दशोत्तर को नवकिरण सृजन सम्मान प्रदान
⚫ राजस्थान के बीकानेर में हुआ सृजन सम्मान
⚫ अलग ही प्रभाव छोड़ते हैं पाठकों पर : डॉक्टर अजय जोशी
⚫ जन जुड़ाव का है इनका सृजन : राजेंद्र जोशी
हरमुद्दा
बीकानेर, 26 मई। नवकिरण सृजन मंच के तत्वावधान रतलाम के युवा पत्रकार, साहित्यकार आशीष दशोत्तर के सृजन पर चर्चा कार्यक्रम एवं नवकिरण सृजन सम्मान अर्पण समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार, कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी थे तथा समारोह की अध्यक्षता व्यंग्यकार-संपादक डॉ. अजय जोशी ने की।
अलग ही प्रभाव छोड़ते हैं पाठकों पर
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. अजय जोशी ने कहा कि आशीष दशोत्तर का सृजन बहुआयामी है। उन्होंने गीत, गजल और व्यंग्य सभी विधाओं में सृजन किया है। उनके व्यंग्य बहुत चुटीले और मारक होते हैं और पाठकों पर अपना एक अलग प्रभाव छोड़ते हैं।
जन जुड़ाव का है इनका सृजन
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने कहा कि हमारे समय के महत्वपूर्ण लेखक दशोत्तर का लेखन रेखांकित किए जाना चाहिए , उन्होंने कहा कि उनकी अठारह पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी है जिनमें कविताएं, गजल, व्यंग्य आदि पाठकों में काफी लोकप्रिय रही है। उनका सृजन जन जुड़ाव का है और भाषा-शैली संप्रेषणीय है।
दायित्वों के साथ संजीदा और जागरूक साहित्यकार
कार्यक्रम के प्रारंभ में नवकिरण सृजन मंच के समन्यक- साहित्यकार राजाराम स्वर्णकार ने आशीष दशोतर के व्यक्तित्व और कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि हाल ही में उनके मोरे अवगुन चित में धरो, जी हुज़ूर, प्रतिनिधि व्यंग्य शीर्षक से व्यंग्य संग्रह, पोटली भर आस गीत संग्रह, सम से विषम हुए और सोहबतें ग़ज़ल संग्रह, तुम भी? कविता संग्रह, बातें मेरे हिस्से की साक्षात्कार संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं। अपने दायित्वों के साथ संजीदा और जागरूक साहित्यकार के रूप में उनका सृजन जारी है। इस कार्यक्रम में दशोत्तर ने अपनी रचना प्रकिया बताते हुए चुनिंदा रचनाऍं भी प्रस्तुत की। अंत में कवयित्री यामिनी जोशी ने आभार ज्ञापन किया।