सामाजिक सरोकार : दो बिछुड़ी महिलाओं को भिजवाया घर, रतलाम से विदाई लेने के दौरान सजल आंखों से दे रही थी आशीर्वाद और धन्यवाद
⚫ 80 वर्षीय वृद्ध रो रही थी रोडवेज बस स्टैंड पर
⚫ 30 वर्षीय अकेली युवती हो गई थी बीमार
⚫ उपचार के लिए किया अस्पताल में भर्ती
⚫ समाजसेवियों की मदद से रतलामी नमकीन यात्रा के लिए उपयोगी वस्तुओं के साथ किया विदा
हरमुद्दा
रतलाम 6 जून। अकेली बुजुर्ग महिला और एक युवती बीमार हो गई थी। उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती किया। दोनों ठीक हुई। समाजसेवियों की मदद से उन्हें रतलामी नमकीन और यात्रा में उपयोग में आने वाली आवश्यक वस्तुएं भेंट कर अपने गंतव्य की ओर विदा किया। रतलाम के समाजसेवियों की सद्भावनाओं की सराहना की। जब उन्हें विदा किया तो आंखें सजल हो गई और आशीर्वाद देने के साथ ही धन्यवाद देती रही।
पहला प्रकरण
समाजसेवी गोविंद काकानी ने हरमुद्दा को बताया कि 1 जून को रोडवेज बस स्टैंड पर 80 वर्ष की महिला रो रही थी। वहां मौजूद लोगों ने रोने का कारण पूछा? मगर वह कुछ भी बता नहीं पा रही थी। ऐसे में उधर से गुजर रहे संजय कोठारी को महिला की समस्या का समाधान करने के लिए रिक्शा वालों से कहा। उन्होंने तत्काल मुझे पूरी घटना बताई। रिक्शा से जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में वार्ड प्रभारी पुष्पा गुर्जर की देख-रेख में भर्ती करवाया
मेहनत रंग लाई
चार दिन उपचार के बाद जब समाजसेवी काकानी द्वारा प्रतिदिन की तरह नाश्ते के साथ महिला से पूछने पर उन्होंने अपना नाम गंगा देवी पति रामफल उम्र 80 वर्ष निवासी रमईपुर पट्टी, जिला प्रतापगढ़ (उत्तर प्रदेश) बताया। परिजनों से संपर्क किया। तत्पश्चात 5 जून को दोपहर साबरमती एक्सप्रेस से जीआरपी के महेंद्र तिवारी, राम जाट आरपीएफ की मोनिका मिंज, ट्रेन गार्ड देवेंद्र कुमार मिश्रा के सहयोग से सुरक्षित महिला डब्बे में बिठाकर रवाना किया।
दूसरा प्रकरण
5 जून सुबह मुंबई से रवाना हुई रुखसार पिता मोहम्मद महबूब उम्र 30 वर्ष निवासी मथुरा नगर शाहजहांपुर( उत्तर प्रदेश) की तबीयत बिगड़ने पर उसे आरपीएफ की मोनिका मिंज ने जिला चिकित्सालय भर्ती करवाया। डॉक्टर से इलाज करवा कर उसे भी इसी साबरमती गाड़ी से घर के लिए रवाना किया।
सजल आंखों से देती रही आशीर्वाद और धन्यवाद
दोनों महिलाओं को समाजसेवी अंकित खंडेलवाल से रतलाम का नमकीन, काकानी सोशल वेलफेयर फाउंडेशन की ओर से रास्ते के लिए ब्रेड, फल, पानी की बोतल एवं शाल दी गई। दोनों प्रकरण में ट्रेन पर छोड़ने आए अस्पताल के वार्ड बाय गोलू भैया का सराहनीय सहयोग मिला। ट्रेन रवाना होने के पूर्व रोते हुए महिला गंगा देवी सजल आंखों से आशीर्वाद देते हुए रतलाम के सभी समाजसेवियों का हाथ जोड़कर बार-बार धन्यवाद करती रही।