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उपलब्धि सरोकार : रतलाम का सी एम राइज विनोबा स्कूल हुआ दुनिया के टॉप 10 स्कूल में शामिल

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दुनिया भर के 100 से अधिक शहरों के हजारों पहुंचे आवेदन

वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में रतलाम के सी एम राइज विनोबा स्कूल को गुजरना पड़ा कई जटिल प्रक्रियाओं से

सरकारी सिस्टम की नकारात्मक धारणा को तोड़ने में सफल रहा स्कूल

उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में “इनोवेशन” केटेगरी में किये गए उल्लेखनीय कार्यो पर अन्तरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा लिया गया 1 घण्टे का ऑनलाइन इंटरव्यू

प्रदेश के अधिकारियों ने ठप थपाई पीठ

हरमुद्दा
रतलाम, 13 जून। विश्व के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षा पुरस्कार द “वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइज” जो कि विश्व की शिक्षा के क्षेत्र में प्रतिष्ठित संस्था “टी फोर एजुकेशन” द्वारा प्रदान किया जाता है,उसके इनोवेशन केटेगरी में मप्र के रतलाम के विनोबा स्कूल को अंतरराष्ट्रीय ज्यूरी द्वारा वर्ल्ड टॉप 10 में चयन किया गया है। उसके साथ ही सरकारी स्कूल के सिस्टम की नकारात्मक धारणा को तोड़ने में सफल भी रहा। उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में “इनोवेशन” केटेगरी में किए गए उल्लेखनीय कार्यो पर अन्तरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा 1 घण्टे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया प्रदेश के वरिष्ठ शिक्षा अधिकारियों द्वारा पीठ थप थपाकर शुभकामनाएं प्रेषित की।

तालिया से अभिवादन करते हैं अभिभावक

दुनिया भर के 100 देशों से हजारों आवेदन इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों के लिए प्राप्त होते है। यह पुरस्कार 5 केटेगरी कम्युनिटी कोलैबोरेशन, एनवायरमेंटल एक्शन, इनोवेशन, ओवरकमिंग एडवर्सिटी, फॉर सर्पोटिंग हेल्दी लाइव्स के लिए दिए जाते हैं।

गुजरना पड़ा जटिल प्रक्रियाओं से

खुशी मनाते विद्यार्थी

वर्ल्डस बेस्ट स्कूल प्राइस 2024 की इनोवेशन कैटेगरी में रतलाम के सी एम राइज विनोबा स्कूल को यू एस ए, थाईलैंड, ब्राजील,चिली,केन्या,इटली, मेक्सिको,यूनाइटेड किंगडम के स्कूलों के साथ प्रथम दस में एक जटिल प्रक्रिया द्वारा चयनित किया गया है। विनोबा स्कूल ने अपनी बेस्ट प्रैक्टिसेज के माध्यम से अपनी चुनौतियों का सामना करते हुए विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में विगत दो वर्षों में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है।

शिक्षक और विद्यार्थी साथ-साथ नृत्य करते हुए

नकारात्मक धारणा को तोड़ने में सफल रहा स्कूल

टीचर्स प्रोफेशनल डेवलपमेंट के अंतर्गत “साइकिल ऑफ़ ग्रोथ” के माध्यम से शिक्षक को “बदलाव के वाहक” के रूप में लाया गया। सरकारी सिस्टम में शिक्षकों के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणा को तोड़ने में ये विद्यालय सफल रहा। अपने स्कूल लीडर्स के मार्गदर्शन में जॉयफूल लर्निंग द्वारा विद्यार्थियों और पालकों को संस्था से जोड़ा गया। विद्यार्थियों की उपस्थिति और दक्षता में वृद्धि हुई। पढ़ाई, खेलकूद और विद्यार्थियों के ओवरऑल डेवलपमेंट में विनोबा स्कूल मध्य प्रदेश का शिक्षा विभाग द्वारा घोषित लाइट हाउस स्कूल भी है।

बनाया सहजता से सीखने का वातावरण

विद्यालय ने कम्युनिटी को लर्निंग रिसोर्स के रूप में जोड़ा । कक्षा 1 से 12 तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम में संचालित होने वाले विनोबा स्कूल के 577 में से 545 विद्यार्थी किसी ने किसी स्तर पर गतिविधि से वर्ष भर जुड़े रहते हैं। विद्यालय में टीचिंग लर्निंग मटेरियल, प्रिंट रिच, स्टूडेंट डायरी, टीचर्स डायरी, हुक बैंक, मॉर्निंग मीटिंग, सर्कल टाइम, एकेडमिक संवाद, बिहेवियर मैनेजमेंट जैसे कहीं उपक्रम किए जाते हैं, जिसके माध्यम से विद्यालय में सहजता से सीखने का वातावरण बना।

क्या है साइकिल आफ ग्रोथ

दो वर्ष पूर्व विनोबा स्कूल में ज्वाइन होने के बाद विद्यार्थियों की कम उपस्थिति और दक्षता में कमी पर संस्था के नवागत उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर ने वरिष्ठ शिक्षकों के साथ मिलकर “साइकिल आफ ग्रोथ मेकैनिज्म” को प्लान किया। इसमें टीचर्स के प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए टीम हडल और कैप्सूल ट्रेनिंग ,क्लासरूम मॉनिटरिंग, वन आन वन फीडबैक, रीवार्ड एंड रिकगनाईजेशन की सकारात्मक चक्रीय योजना बनाई। शिक्षकों के साथ टीम बिल्डिंग एक्टिविटी के बीच नियमित रूप से रोचक तरीके से संस्थागत विषयों पर रोल प्ले सहित अन्य उत्साह के वातावरण को बनाया ।

नवाचारों को दिया प्रोत्साहन

संस्था के राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त नवाचारी स्कूल लीडर उपप्राचार्य गजेंद्र सिंह के साथ अन्य स्कूल लीडर प्राचार्य संध्या वोरा, प्र अ अनिल मिश्रा ,सीमा चौहान, हीना शाह, पीपुल संस्था से प्रियल उपाध्याय,दीपक साही सहित शिक्षकों ने इस अवधारणा को नियमित रूप देकर मूर्त रूप प्रदान कर दिया। विद्यार्थियों के कामों को प्रदर्शित करने के लिए लर्निंग शोकेस ,सृजन मेले,कम्युनिटी विजिट,प्रोजेक्ट बेस्ड लर्निंग जैसे नियमित आयोजन हुए। पीपुल संस्था और स्कूल शिक्षा विभाग मप्र ने विद्यालय के नवाचारों को नियमित प्रोत्साहन और समर्थन दिया।

क्या थी चयन प्रक्रिया

विश्वव्यापी संस्था “टी फोर एजुकेशन” द्वारा दुनिया भर के स्कूल्स से फरवरी 2024 तक विभिन्न केटेगरी में विस्तृत आवेदन के माध्यम से अपने इस वर्ष के प्रतिष्ठित पचास हजार यू एस डॉलर के पुरस्कार की चयन प्रक्रिया शुरू की।प्राप्त हजारों आवेदनों में से शार्ट लिस्ट स्कूल्स के रूप में विनोबा स्कूल के उप प्राचार्य गजेंद्र सिंह राठौर का स्कूल लीडर के रूप में “इनोवेशन” केटेगरी में किये गए उल्लेखनीय कार्यो पर अन्तरराष्ट्रीय शिक्षाविदों द्वारा 1 घण्टे का ऑनलाइन इंटरव्यू लिया गया। यहां से पुनः चयनित होने पर दस्तावेज आधारित मूल्यांकन किया गया। इसके पश्चात विभिन्न स्तरों की ऑनलाइन परीक्षण बैठक के उपरांत अंतिम रूप से टॉप 10 में चयन किया गया। इस पूरी प्रक्रिया में विनोबा स्कूल के लीडर्स और शिक्षक एक परिवार की तरह जुटे रहे।

प्रदेश के अधिकारियों ने ठप थपाई पीठ

मंचासीन जिला शिक्षा अधिकारी, सीईओ जिला पंचायत, पद्मश्री डॉक्टर लीला जोशी और प्रेस क्लब अध्यक्ष

विद्यालय की इस सफलता पर प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण श्रीमती शिल्पा गुप्ता संचालक लोक शिक्षण डी एस कुशवाह,जिला शिक्षा अधिकारी रतलाम के सी शर्मा ने बधाई प्रेषित करते हुए भविष्य में इसे अन्य विद्यालयों के लिए प्रेरणादायी बताया। 13 जून को विद्यालय में उत्साहपूर्वक घोषणा के द्वारा व्यापक स्तर पर आयोजन कर खुशिया मनाई गई। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि पद्म श्री डॉ. लीला जोशी, अध्यक्षता सीईओ जिला पंचायत श्रृंगार श्रीवास्तव, विशेष अतिथि मुकेश पूरी गोस्वामी प्रेस क्लब अध्यक्ष रतलाम तथा जिला शिक्षा अधिकारी के सी शर्मा सहित सैकड़ो पालक एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। विद्यालय में गरबा सांस्कृतिक कार्यक्रम का उत्साह चरम पर था।

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